नई दिल्ली, NOI : Google के सीईओ सुंदर पिचाई ने भारत सरकार के पेश किये गये नये नियमों को लेकर अहम टिप्पणी की है, जो शायद भारत सरकार को रास ना आये। दरअसल केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, न्यूज पब्लिशर्स, ओटीटी वेबसाइट्स और सर्च इंजन जैसे Google के लिए नये नियमों को लागू किया है। इसी मामले में Google की तरफ से बयान आया है। Google के चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर सुंदर पिचाई (Sundar Pichai) कहा कि कई देशों में फ्री और ओपन इंटरनेट को बाधित किया जा रहा है, जो कि चिंताजनक है। उनकी तरफ से इंटरनेट को प्रतिबंधित करने के खतरों को लेकर चेतावनी जाहिर की गई है।

इंटरनेट के फ्लो को रोकना गलत

Google के बॉस ने बीबीसी को दिये इंटरव्यू में कहा कि कई देशों ने इंफॉर्मेशन को प्रतिबंधित करने का काम किया है। साथ ही इस मामले में गंभीरता से विचार नहीं किया जा रहा है। उन्होंने विवादग्रस्त टैक्स, प्राइवेसी, डेटा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के मुद्दे का जिक्र किया। सुंदर पिचाई ने कहा कि अलग-अलग देशों में ऑनलाइन कंटेंट को लेकर अलग नियम है, जो इंटरनेट प्रवाह को रोकने का काम करता है। यह किसी भी देश को पीछे ले जाना का काम करता है।

पिचाई ने की फ्री इंटरनेट की वकालत 

पिचाई ने अलग-अलग देशों में ऑनलाइन कंटेंट के लिए अलग कानून के जवाब में कहा कि फ्री और ओपन इंटरनेट एक अच्छी ताकत बन सकती है, अगर इसका सही से इस्तेमाल किया जाए। पिचाई ने कहा कि सभी देश इस बहस में फंसे हैं कि क्या स्पीच ठीक है? और क्या किसे अनुमति दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि दुनिया भर के कई देश सूचना के प्रवाह को प्रतिबंधित कर रहे हैं और बहुत अधिक कठोर सीमाए खींच रहे हैं, जो कि चिंताजनक है।

सुंदर पिचाई ने दिल में भारत बसने की कही बात 

तमिलनाडु में जन्मे सुंदर पिचाई ने अपने मूल देश भारत को याद करते हुए कहा कि उनमें भारत की जड़ें काफी गहरी हैं। उन्होंने कहा कि वो अमेरिकी नागरिक जरूर हैं। लेकिन अब भी उनमें एक भारत बसता है, जहां लोकतंत्र बसता है। उन्होंने बीबीसी से बात करते हुए मजबूत लोकतांत्रिक परंपराओं और मूल्यों वाले देशों से इंटरनेट को अलग-अलग कानूनों में बांधने के खिलाफ खड़े होने का भी आग्रह किया।

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