जगम्मनपुर में गुरु पूर्णिमा पर भव्य कवि सम्मेलन का आयोजन
कार्यक्रम की शुरुआत कानपुर से आई शृंगार रस की कवयित्री रश्मि अग्निहोत्री द्वारा सरस्वती वंदना से हुई। इसके बाद उन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से श्रोताओं को भावनात्मक अनुभव कराया। उनकी एक कविता में "तुम्हारे एक इशारे पर मैं हर से गुजर जाऊं" जैसी भावुक पंक्तियों ने श्रोताओं के दिल को छू लिया।
लखनऊ से आए वीर रस के कवि गोपाल पांडेय ने भी अपनी कविताओं के माध्यम से श्रोताओं में जोश और उत्साह भर दिया। उन्होंने "शीश गंगधर और कंठ में भुजंग माल" जैसी पंक्तियों से श्रोताओं को भावुक कर दिया और कवि सम्मेलन को एक नई ऊंचाई दी।
कवि विपिन शर्मा वल्लभ ने अपनी रचनाओं में प्रकृति की सुंदरता और जीवन की विविधताओं को काव्यात्मक रूप में प्रस्तुत किया। उनके कविता पाठ ने तालियां बटोरी और दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इस भव्य कवि सम्मेलन में कवि रविकांत रमन, नवीन शुक्ला, अर्जेंट सिंह, प्रवीण श्रीवास्तव, सुभम तिवारी, रामसेवक और अक्षय मिश्रा ने भी अपनी-अपनी रचनाएं प्रस्तुत की, जो श्रोताओं द्वारा खूब सराही गईं।
सम्मेलन का उद्घाटन ब्लॉक प्रमुख स्वतंत्र पासवान और प्रधान संघ के अध्यक्ष हरजीत यादव ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि इंजीनियर अनूप चौरसिया और इंजीनियर प्रशांत सिंह भी मौजूद रहे और ब्लॉक प्रमुख व हरजीत यादव के साथ दीप प्रज्वलित भी किया। प्रधान विनोद सिंह ने सभी कवियों को प्रतीक चिन्ह और अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया। इस आयोजन का संचालन कवि गोपाल पांडेय ने किया। इस अवसर पर गोयल शर्मा, अक्षय अवस्थी, चुन्नू मिश्रा और गोपालजी गोयल भी उपस्थित रहे।
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