गोरखपुर, NOI : दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों के साथ-साथ आमजन को भी विश्वविद्यालय द्वारा अब रियायती दर पर पांच रुपये में नाश्ता और 10 रूपये में भोजन की व्यवस्था उपलब्ध कराई जाएगी। पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय की विचारधारा से प्रभावित होकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने जनहित से जुड़ा यह महत्वपूर्ण फैसला लिया है। विश्वविद्यालय प्रशासन के इस फैसलों कार्य परिषद की स्वीकृति भी मिल गई है।

यह न‍िर्णय भी ल‍िया गया

विश्वविद्यालय में कुलपति प्रो. राजेश स‍िंह की अध्यक्षता में कार्य परिषद की बैठक का आयोजन हुआ। बैठक में कुलपति ने बताया कि इसे लेकर विश्वविद्यालय और अदम्य चेतना फाउंडेशन के बीच पहले ही करार हो चुका है। करार के तहत विश्वविद्यालय में जल संरक्षण, जीरो गार्बेज कम्युनिटी किचन पर काम भी शुरू हो गया है। परिसर को हरा भरा और स्वच्‍छ बनाए रखने के नजरिए से विश्वविद्यालय प्रशासन ने गुटखा, तंबाकू, अल्कोहल के साथ-साथ प्लास्टिक पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। अब अगर किसी विभाग, आफिस या सेक्शन में इसका उल्लंघन हुआ तो संबंधित पर 500 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। विश्वविद्यालय में लीगल सेल का पुनर्गठन भी हुआ है। प्रो. अहमद नसीम, डा. शिवपूजन स‍िंह और डा. शैलेश कुमार स‍िंह को इसका सदस्य बनाया गया है। विश्वविद्यालय में इन्फार्मेशन टेक्नालाजी एंड कम्युनिकेशन प्रकोष्ठ आइटी सेल द्वारा परिसर में सीसीटीवी कैमरा, बायोमेट्रिक्स हाजिरी और इंटरनेट कनेक्टिविटी पर कार्यदायी संस्था के माध्यम से कार्य कराए जाने की जानकारी कार्य परिषद को दी गई।

शिक्षकों और कर्मचारियों को मेडिक्लेम की सौगात

कार्यपरिषद की बैठक में शिक्षकों और कर्मचारियों को मेडिक्लेम का लाभ देने के प्रस्ताव को भी हरी झंडी मिल गई है। शिक्षकों को पांच लाख रुपये तक का मेडिक्लेम प्रदान किया जाएगा। जिसके प्रीमियम का 50 प्रतिशत भुगतान विश्वविद्यालय द्वारा वहन किया जाएगा। 50 प्रतिशत का भुगतान शिक्षक अपने वेतन से प्रतिमाह किश्तों में करेंगे। कर्मचारियों को 2 लाख का मेडिक्लेम प्रदान किया जाएगा।

पीआरओ कार्यालय में समाहित होगा सूचना कार्यालय

नई व्यवस्था के अंतर्गत विश्वविद्यालय के सूचना कार्यालय को पीआरओ कार्यालय में समाहित किया जाएगा। विभाग के अध्यक्ष मीडिया एवं जनसंपर्क अधिकारी होंगे। सूचना कार्यालय का नया कार्यालय नियंता कार्यालय में होगा।

स्नातक में सीबीसीएस और नए शोध अध्यादेश को मिली मंजूरी

कार्यपरिषद के सदस्यों ने स्नातक पाठ्यक्रमों में सीबीसीएस (वायस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम) से संचालित किए जाने को मंजूरी प्रदान कर दी है। इसे इसी सत्र से लागू किया जाएगा। इसके साथ गोरखपुर विश्वविद्यालय प्रदेश का पहला ऐसा राज्य विश्वविद्यालय बन गया है, जिसने स्नातक, परास्नातक के साथ पीएचडी पाठ्यक्रम में भी सीबीसीएस को लागू कर दिया है। कार्य परिषद ने नए शोध अध्यादेश को भी मंजूरी प्रदान की है। इसके तहत अब डिग्री कालेजों के स्नातक शिक्षक भी पीएचडी करा सकेंगे। इच्‍छुक अभ्यर्थी पार्ट टाइम पीएचडी कर सकेंगे।

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