प्रयागराज, NOI : प्रयागराज स्थित श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी के नए महंत श्री निरंजनी अखाड़ा की सुपरवाइजरी बोर्ड की निगरानी में काम करेंगे। महंत की हैसियत सिर्फ प्रबंधक की रहेगी। उन्‍हें मठ से जुड़ी संपत्तियों की देखरेख कर सकेंगे, लेकिन उसे बेचने का अधिकार नहीं होगा। महंत की हर कार्यप्रणाली पर पांच सदस्यीय बोर्ड की पैनी नजर रहेगी। नियम विरुद्ध काम करने पर बोर्ड के पास महंत को हटाने का अधिकार रहेगा। श्रीनिरंजनी अखाड़ा ने बाघम्बरी गद्दी से जुड़ी संपत्तियों को संरक्षित करने के लिए ऐसा निर्णय लिया है। बाघम्बरी गद्दी के नए महंत के पट्टाभिषेक को लेकर एक-दो दिन में फैसला हो सकता है। 

मठ की संपत्ति कई प्रदेशों में है

श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी की संपत्ति प्रयागराज के अलावा विभिन्न प्रदेशों में फैली है, जिसकी कीमत लगभग सात सौ करोड़ से अधिक बताई जाती है। महंत नरेंद्र गिरि 2004 में श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी के महंत बने। श्रीमठ की कुछ जमीन को बेचकर भारद्वाजपुरम् (अल्लापुर) में भव्य भवन बनवाया। मठ लगभग 10 एकड़ में श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी बनी है। इसी परिसर में महंत विचारानंद संस्कृत महाविद्यालय है जहां विद्यार्थियों को निश्शुल्क संस्कृत, वेद व ज्योतिष की शिक्षा दी जाती है। मठ के अंदर गोशाला, खेत भी है, जिसकी कीमत दो सौ करोड़ से अधिक है।

बांध पर लेटे हनुमान मंदिर का संचालन भी मठ करता है

शहर के मुट्ठीगंज मोहल्ला में मठ का भवन है। त्रिवेणी बांध स्थित लेटे हनुमान मंदिर का संचालन बाघम्बरी गद्दी के जरिए होता है। बाघम्बरी मांडा में राजा मांडा कोठी के पास लगभग 30 एकड़ जमीन है। वहीं, शंकरगढ़ में 25 एकड़ जमीन है। कुछ जमीनों में सिलिका सेंड भी निकलता है। इन सबकी कीमत चार सौ करोड़ से अधिक बताई जाती है।

श्रीमठ बाघम्‍बरी गद्दी के पास अरबों की संपत्ति

इसके अलावा हरिद्वार, उज्जैन व नासिक में बाघम्बरी गद्दी के दर्जन भर आश्रम व मंदिर हैं। इनकी कीमत मौजूदा समय अरबों रुपये की है। श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी श्रीनिरंजनी अखाड़ा की सुपरवाइजरी बोर्ड की देखरेख में ही काम करता था, लेकिन नरेंद्र गिरि ने अपने प्रभाव से उसे खत्म करवा दिया था। इसके बाद उन्होंने मठ की कुछ जमीन बेच दिया, जिसको लेकर काफी विवाद हुआ था।

मठ के हर काम में बोर्ड की रहेगी नजर

भविष्य में ऐसा न होने पाए उसके लिए श्रीनिरंजनी अखाड़ा बोर्ड को पुन: अस्तित्व में लाने की तैयारी कर रहा है। अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रवींद्र पुरी का कहना है कि सुपरवाइजरी बोर्ड का काम श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी का विकास करना होगा, जो महंत के साथ मिलकर काम करेगा। महंत के हर काम में बोर्ड की नजर रहेगी। बोर्ड के पास महंत के निर्णय को बदलने का अधिकार भी रहेगा।

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