गोरखपुर, NOI : : जिलाधिकारी विजय किरन आनंद ने उपायुक्त उद्योग रवि कुमार शर्मा को निर्देश दिया कि गोरखपुर में औद्योगिक विकास के लिए दीर्घकालीन बिजनेस डेवलपमेंट प्लान तैयार किया जाए। यह प्लान पांच साल एवं 10 साल का होना चाहिए। कार्ययोजना के अनुसार ही औद्योगिक विकास की रूपरेखा तैयार की जाएगी। जिलाधिकारी कलक्ट्रेट सभागार में जिला उद्योग बंधु की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि निवेश मित्र पोर्टल पर लंबित मामलों का निस्तारण प्रमुखता के आधार पर किया जाए, जिससे कोई भी प्रकरण लंबित न रहने पाए।

औद्योगिक आस्थान में दूर होगी उद्यमियों की समस्याएं

उद्यमियों की ओर से गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) एवं गोरखनाथ स्थित औद्योगिक आस्थान में समस्याओं को दूर कराया जाए। अपर जिलाधिकारी नगर विनीत कुमार सिंह को निर्देश दिया कि इन स्थानों का निरीक्षण कर सड़क, बिजली एवं पानी से जुड़ी समस्या दूर करायी जाए। ऋण वितरण कार्य की समीक्षा के दौरान बताया गया कि सितंबर तक 98 आवेदन बैंकों को भेजे गए और इसमें से 30 आवेदन पत्र स्वीकृत कर लिए गए हैं। 17 आवेदन पत्रों पर 32.75 लाख रुपये सब्सिडी का वितरण किया जा चुका है।

96 लोगों को ऋण उपलब्ध कराने का लक्ष्य

प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना 96 लोगों को ऋण उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। इसके सापेक्ष सितंबर महीने तक 153 आनलाइन आवेदन पत्र बैंकों को भेजे गए हैं, जिसके सापेक्ष 37 आवेदन पत्र स्वीकृत किए गए। मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना अंतर्गत 106 लोगों को ऋण देने का लक्ष्य है और 205 आवेदन पत्र बैंकों को भेजे गए हैं। इसमें से 41 आवेदन पत्र बैंक द्वारा स्वीकृत किया गया और 17 आवेदन पत्रों में सब्सिडी वितरित की जा चुकी है।

निर्धारित समय सीमा में निस्तारित की जाएं पत्रावली

जिलाधिकारी ने कहा कि शासकीय योजनाओं से संबंधित पत्रावलियों का निर्धारित समय सीमा में निस्तारण किया जाए। उन्होंने लीड डिस्ट्रिक्ट मैनेजर (एलडीएम) को सभी बैंक के अधिकारियों के साथ बैठक करने का निर्देश दिया। उद्यमियों की ओर से ऋण प्राप्त करने में आ रही समस्याओं से अवगत कराया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि बैंकों से बात की जाएगी कि शासकीय योजनाओं में ऋण जल्द पास हो सकें। गारंटर के बिना ऋण की व्यवस्था को भी प्रभावी ढंग से लागू करने को कहा गया। बैठक में निवेश सम्मेलन के बारे में भी चर्चा की गई। बताया गया कि जिले के 32 एमओयू हस्ताक्षरित किए गए हैं। इनमें से 12 इकाइयां संचालित हो रही हैं। पांच का निर्माण चल रहा है। पांच उद्यमियों ने भूखंड की जरूरत बताई है। पांच लोगों ने व्यक्तिगत कारणों से इकाई न लगाने का निर्णय लिया है। दो उद्यमियों ने किसी कारण से उद्यम स्थापित करने में असमर्थता जताई है। एक उद्यम उत्तराखंड में उद्योग स्थापित कर चुके हैं।

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