लखनऊ, NOI : समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि लखीमपुर खीरी कांड की जांच अवकाश प्राप्त न्यायाधीश से नहीं, बल्कि कार्यरत जज से कराई जानी चाहिए। इसके बाद ही पीडि़त किसान परिवारों को न्याय मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि एफआइआर के बाद भी अभी तक गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री ने अभी तक अपने पद से इस्तीफा क्यों नहीं दिया। क्या उनके पद पर रहते हुए पीडि़त परिवारों को न्याय मिल सकेगा? अखिलेश ने गुरुवार को लखीमपुर खीरी रवाना होने से पहले अपने आवास के सामने मीडिया से बातचीत में कहा कि भाजपा सरकार से किसी भी मामले में न्याय की उम्मीद नहीं है। इनकी कथनी व करनी में बहुत अंतर है। लखीमपुर खीरी में किसानों को बर्बरता से कुचला गया। यह घटना किसानों के प्रति भाजपा सरकार के रवैये को दर्शाती है। 

अखिलेश ने सवाल उठाया कि लखनऊ में मल्टीनेशनल कंपनी के अधिकारी के साथ क्या हुआ? कहा-झांसी में पुष्पेंद्र मार दिया गया, उसके भी परिवार को आज तक न्याय नहीं मिला। कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता की गोरखपुर के होटल में पीट-पीटकर हत्या कर दी गई, अभी तक उस परिवार को भी न्याय नहीं मिला। बताया जा रहा है कि आरोपित पुलिस वाले फरार हैं। क्या वे बिना पुलिस की मदद के फरार हैं। इसी तरह से एक आइपीएस अधिकारी भी फरार है। घटनाओं के बाद पहले दिन से ही भाजपा के लोग मुद्दों में उलझाने में लग जाते हैं। लखीमपुर खीरी में पुलिस, मंत्री के इशारे पर काम कर रही है। बता दें कि राज्य सरकार की ओर से लखीमपुर खीरी जाने की अनुमति मिलने के बाद सबसे पहले कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा गांधी और राहुल गांधी किसानों के घाव पर मरहम लगाने पहुंचे। हालांकि, इसके अगले सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव लखीमपुर खीरी जा धमके। 

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