लखनऊ, NOI : कमरे में बैठने की चाहत ने एक अधिकारी ने अपने से वरिष्ठ अधिकारी की नेम प्लेट ही उखाड़ दी और अपनी लगा दी। नगर निगम से जुड़े इस मामले में शुक्रवार को प्रशासन ने उखाड़ी गई नेम प्लेट को फिर से लगा दिया है, जिस अधिकारी ने अपनी नेम प्लेट लगाई थी, उसे हटा दिया गया। दरअसल, नगर निगम में डिप्टी कलेक्टर के पद पर तैनात रहीं सविता शुक्ला का तबादला गोंडा हुआ है और गुरूवार सुबह ही इसका आदेश जारी हुआ था लेकिन अचानक एक अधिकारी ने उनकी नेम प्लेट को उखाड़कर अपनी लगा ली। इसे लेकर विरोध भी हुआ। 

कुछ समय पहले ही नगर निगम में तैनात तहसीलदार सविता शुक्ला का पीसीएस संवर्ग में प्रमोशन हुआ था लेकिन शासन के आदेश पर प्रमोशन पाए सभी तहसीलदारों की तैनाती उसी विभाग में की गई थी, जो जहां पर कार्यरत था। इसलिए सविता शुक्ला भी नगर निगम में कार्यरत हैं। गुरुवार सुबह उनका तबादला गोंडा में किया गया था। गुरुवार को सविता शुक्ला कार्यालय में मौजूद नहीं थीं और तहसीलदार रत्नाकर मिश्रा ने उनकी नेम प्लेट हटाकर अपनी लगा दी। दरअसल सीनियर होने के बाद भी तहसीलदार रत्नाकर मिश्रा कतिपय कारणों से प्रमोशन से वंचित हो गए थे और इसे लेकर उनमे नाराजगी दिख रही थी। 

इस मामले की जानकारी मिलने पर नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी ने नेम प्लेट हटाने को अनुशासनहीनता बताया है और तहसीलदार रत्नाकर मिश्रा से जवाब तलब करने की बात कही है। नगर आयुक्त ने कहा कि तबादला होने के बाद जब तक किसी अधिकारी को रिलीव नहीं किया जाता है, उसकी नेम प्लेट हटाना उचित नहीं है। वैसे भी नए अधिकारी की तैनाती हुई है और कमरे का आवंटन करना उनका काम है। दैनिक जागरण में खबर छपने के बाद ही नगर निगम के केयर टेकर और संयुक्त निदेशक पशु कल्याण डा. अरविंद राव ने रत्नाकर मिश्रा की नेम प्लेट को हटा दिया और डिप्टी कलेक्टर सविता शुक्ला की नेम प्लेट लगा दी। शुक्रवार को इसे लेकर तनातनी जैसा माहौल था।

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