नई दिल्ली, NOI: कोरोना वैक्सीन को लेकर रूस और ब्रिटेन आमने सामने आ गए हैं। ब्रिटेन की सुरक्षा एजेंसियों ने आरोप लगाया है कि रूस की कोरोना वैक्सीन स्पुतनिक वी कथित तौर पर आक्सफोर्ड / एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के शोध पर आधारित है। ब्रिटिश रिपोर्ट में दावा किया गया है कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन के एक जासूस के खिलाफ एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का फार्मूला चुराने का ठोस सुबूत है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना वायरस के खिलाफ स्पुतनिक वी भी ठीक वैसे ही काम करती है जैसे एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन करती है।

दोनों वैक्सीन में क्या है समानता

- एस्ट्राजेनेका और स्पुतनिक वी वायरल वेक्टर वैक्सीन हैं। कोरोना वायरस को नष्ट करने के लिए शरीर में प्रतिरक्षा एजेंट ले जाने के लिए दोनों में निष्कि्रय वायरस का उपयोग किया गया है।

- स्पुतनिक वी टीका में दो मानव एडेनोवायरस का उपयोग करता है जबकि आक्सफोर्ड का टीका एक चिंपैंजी एडेनोवायरस का उपयोग करता है

- कोरोना वायरस के खिलाफ अत्यधिक सुरक्षा पाने के लिए दोनों ही वैक्सीन की दो डोज लेनी जरूरी है

- दोनों को रखने के लिए दो से आठ डिग्री सेल्सियस तापमान की आवश्यकता होती है

- क्लीनिकल परीक्षण में आक्सफोर्ड की वैक्सीन कोरोना संक्रमण के खिलाफ 90 फीसद प्रभावी पाई गई थी, जबकि स्पुतनिक वी 92 फीसद।

आक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका और स्पुतनिक वी में यूं चली होड़

- 11 फरवरी, 2020 - चीन से मिले वायरस के डाटा का उपयोग करते हुए आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने कोरोना वैक्सीन पर काम शुरू किया

- 23 अप्रैल, 2020 -स्वस्थ इंसानों पर वैक्सीन का परीक्षण शुरू हुआ

- 30 अप्रैल, 2020 - आक्सफोर्ड ने एस्ट्राजेनेका के साथ वैक्सीन विकसित करने पर काम करने का एलान किया

- मई 2020 - रूस की गैमीलिया रिसर्च इंस्टीट्यूट आफ इपिडेमोलोजी एंड माइक्रोबायलोजी ने वैक्सीन विकसित करने की घोषणा की

अगस्त, 2020- रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने पहली प्रभावी कोरोना वैक्सीन बना लेने की घोषणा की

-23 नवंबर, 2020 - आक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका ने अपने परीक्षण के नतीजे घोषित किए और वैक्सीन को सुरक्षित बताया

- 30 दिसंबर, 2020-ब्रिटेन में एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन के इस्तेमाल को मंजूरी मिली

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