गोरखपुर, NOI : गोरखपुर शहर के 187 नलकूप आने वाले दिनों में खुद स्टार्ट होंगे और अपने आप बंद हो जाएंगे। यह होगा नलकूपों के आटोमेटिक व्यवस्था से जुडऩे से। नगर निगम प्रशासन शहर के नलकूपों को आटोमेटिक करने के लिए एक करोड़ 12 लाख तीन हजार रुपये खर्च करेगा। शहर के 58 नलकूप पहले से ही आटोमेटिक व्यवस्था से जुड़े हुए हैं। नगर न‍िगम की इस व्‍यवस्‍था से शहर के लोगों को पीने के पानी की कमी नहीं होगी।

पानी की बर्बादी भी रुकेगी

पानी की बर्बादी रोकने और कम हो रही कर्मचारियों की संख्या से निपटने के लिए जलकल विभाग काफी समय से सभी नलकूपों को आटोमेटिक व्यवस्था से चलाने पर मंथन कर रहा था। पहले से आटोमेटिक व्यवस्था के तहत संचालित बड़े नलकूपों के अ'छे परिणाम के आधार पर अफसरों ने सभी नलकूपों को नई तकनीक से चलाने का निर्णय लिया। मिनी नलकूपों को भी इस व्यवस्था में शामिल किया गया है।

एक साल तक ट्रायल

जलकल के सहायक अभियंता सौरभ वर्मा ने बताया कि टेंडर की शर्तों के अनुसार मिनी और बड़े नलकूप के संचालन की जिम्मेदारी संभालने वाली फर्म को एक साल के ट्रायल पर रखा जाएगा। कंपनी का कार्य संतोषजनक होने के बाद भी उसे नलकूपों के पूरी तरह संचालन की अनुमति दी जाएगी।

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ऐसे खर्च होंगे रुपये

नलकूप संख्या रुपये

मिनी नलकूप 100 23.53 लाख

बड़े नलकूप 87 48.50 लाख

फैक्ट फाइल

शहर में पानी की मांग - 152 एमएलडी

कुल नलकूपों की संख्या - 245

बड़े नलकूपों की संख्या - 145

मिनी नलकूपों की संख्या - 100

प्रति व्यक्ति पेयजल की आपूर्ति - 129 लीटर

स्टैंड पेस्ट की संख्या - 485

माडर्न स्टैंड पोस्ट की संख्या - 51

पाइप लाइनों की कुल लंबाई - 1180

हैंडपंपों की संख्या - 4174

वार्ड की संख्या - 70

पेयजल आपूर्ति का समय - सुबह पांच से दस बजे, दोपहर 12 से दो और शाम पांच से रात दस बजे तक

पेयजल टैंकरों की संख्या - 27

शहर के सभी नलकूप आटोमेटिक व्यवस्था से जुडऩे जा रहे हैं। जलकल परिसर में बने कमांड सेंटर को और ज्यादा अपग्रेड किया जाएगा। पानी की बर्बादी रोकने के साथ ही नागरिकों को समय से पर्याप्त पानी उपलब्ध कराने में यह व्यवस्था और मददगार होगी। - अविनाश सिंह, नगर आयुक्त।

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