छोटे-छोटे प्रयास कर खुद पर्यावरण संरक्षण में बनेंगे भागीदारAligarh News
छात्रों को सुनाई कहानी
दुष्यंत कुमार ने दैनिक जागरण में ‘बहुत बड़ा काम’ शीर्षक से प्रकाशित कहानी को विद्यार्थियों को पढ़कर सुनाया। उन्होंने बताया कि कहानी में किस तरह कुसुम मैडम ने विद्यार्थियों को पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित किया। पहले कुसुम मैडम ने देखा कि विद्यालय के पौधे सूख रहे हैं। प्रधानाचार्य से कहा तो कालेज का सबमर्सिबल खराब होने की बात सामने आई। ऐसे में बिना पानी के पौधों को बचाने की चुनौती कुसुम मैडम के सामने थी। ऐसे में अगर वो हार मान जातीं तो प्रकृति भी हार जाती। मगर शिक्षिका ने उन बच्चों को प्रेरित किया। कहा कि तुम लोगों की पानी की बोतल में से थोड़ा-थोड़ा पानी लेकर पौधों को सींचने का काम करेंगे। इस तरह विद्यालय के पौधों को खराब होने से बचा लिया गया।
छात्रों ने पूछे सवाल
विद्यार्थियों को बताया कि जिन कामों को छोटा समझकर उनसे किनारा कर लेते हैं वो काम काफी महत्वपूर्ण साबित होते हैं। छोटे कामों को करके अगर प्रकृति की सुरक्षा कर लें तो इससे लोगों के बीच सम्मान भी बढ़ता है और खुद का आत्मविश्वास भी बढ़ता है। इस कहानी ने सिखाया कि पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ एक-एक बूंद पानी के महत्व को भी बखूबी समझाया गया है। बच्चों ने संस्कारशाला में प्रकाशित लेख से संबंधित तमाम सवाल भी शिक्षक से पूछे, जिनके जवाब शिक्षक ने विद्यार्थियों को दिए।
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