ग्रीन पटाखों से सजने लगी लखनऊ की मार्केट, बच्चों और बड़ों के लिए अलग अलग रेंज; ज्यादा शोर करने वाले पटाखे बाजार से दूर
स्काई विसिल का अंदाज निरालायह ग्रीन पटाखा छुड़ाते ही चंद सेकेंडों में ऊंचाई नापते हुए आकाश पर पहुंचेगा और उससे धीमी सीटी की आवाज निकलती रहेगी। इसी के साथ पटाखा तमाम तरह की रोशनी से आसमान जगमगा उठेगा। करीब ढाई सौ से रुपये लेकर 1200 तक की रेंज वाले इस आइटम को पसंद किया जा रहा है।
ग्रीन पटाखों में ज्वाय-30 और जाली जिंगल पसंदीदाग्रीन पटाखों में ज्वाय-30 और जाली जिंगल पसंदीदा है। यह दोनों पटाखे 30 सेकेंड से 45 सेकेंड का कारनामा आसमान में पेश करते हैं। जाली जिंगल की 15 वैरायटी हैं। इनकी कीमत 475 रुपये से शुरू होकर 4400 रुपये तक है। आसमान पर जाने के बाद यह अलग-अलग रंग की छतरी बनाता हुआ नीचे उतरता प्रतीत होता है। बच्चों के लिए ग्रीन फुलझड़ी, महताब, चकरघिन्नी और अनार
बच्चों के लिए भी ग्रीन पटाखों की रेंज आना शुरू हो गई है। इनमें ग्रीन फुलझड़ी, महताब, चकरघिन्नी और अनार आदि आइटम हैं जो शोर नहीं चमक बिखरेंगे। इनकी कीमत 125 रुपये से लेकर 475 रुपये प्रति डिब्बा है।
फायर वर्क्स डीलर्स एसोसिएशन लखनऊ के महामंत्री सतीश मिश्र ने बताया कि थोक पटाखा बाजार शुरू हो गया है। शहर और आसपास के जिलों के लोग खरीदारी के लिए आना शुरू हो गए हैं। इस बार धमाका कम रहेगा। ग्रीन पटाखा बिक्री पर जोर है। अभी नई खेप आना शुरू हुई है। पिछले साल का पटाखा बेचा जा रहा है। बाजार बेहतर रहने की उम्मीद है।
पटाखा कारोबारी गुलशेर आजाद ने बताया कि ग्रीन पटाखे की तमाम वैरायटी आ गई हैं। जल्द ही कई नई चीजें आएंगी। थोक कारोबार शुरू हो गया है। बाजार में रौनक धीरे-धीरे बढ़ना शुरू हो रही है। ऐशबाग स्थित रस्तोगी इंटर कालेज में पटाखा बिक्री इसी महीने के अंत शुरू होने के आसार हैं। दुकानें एलाट होते ही कारोबार तेजी से आगे बढ़ेगा।
पटाखा व्यापारी अमेठिया अर्पित जायसवाल ने बताया कि ग्रीन पटाखों का इस बार जोर है। बड़ी चटाई और तेज आवाज करने वाले कानफोडूं बम बाजार में नहीं हैं। नई खेप आना शुरू हो गई है। बाजार लग चुका है। अगल-बगल के जिलों से खरीदारों का हुजूम लगना शुरू हो गया है।
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