मुरादाबाद, NOI :  MDA action on temples : नया मुरादाबाद के दो मंदिरों में ताला बंद करने को लेकर एमडीए अफसर अलग-अलग दलील देने में जुटे हुए हैं। एमडीए उपाध्यक्ष से लेकर एमडीए सचिव नियम और कानून का हवाला देकर कार्रवाई काे सही बता रहे हैं। लेकिन, यह पहली बार है, जब एमडीए के अधिकारियों ने पार्क में बने मंदिर पर ताला लगाने की कार्रवाई की है। इस कार्रवाई के बाद पार्क में धार्मिक स्थलों के निर्माण को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। शहर में मौजूदा समय में लगभग 50 से अधिक पार्क ऐसे हैं, जिनमें धार्मिक स्थलों का निर्माण किया गया है। यह सभी पार्क एमडीए और नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में हैं।
मुरादाबाद विकास प्राधिकरण की स्थापना 29 मार्च 1981 को हुई थी। स्थापना के बाद से एमडीए ने शहर के कई विकास कार्यों के साथ ही कालोनी विकसित करने का काम कर रहा है। एमडीए ने शहर के मध्य में विकास मंजिल, नया मुरादाबाद, कांशीराम नगर, आशियाना, रामगंगा विहार, मानसरोवर, एकता विहार, सोनकपुर योजना को बसाया है।कांठ रोड, दिल्ली रोड, रामपुर रोड, सम्भल रोड और गजरौला में कालोनियों को विकसित कर रहा है। मौजूदा समय में एमडीए की विकसित कालोनियों में सवा सौ पार्क विकसित हो चुके हैं। इनमें से अनेक कालोनियों के लगभग 50 पार्क में धार्मिक स्थल बने हुए हैं। शहर में अनेक मस्जिद भी बिना नक्शा के बनी हैं, और लगातार निर्माण कार्य चल रहे हैं। लेकिन, अभी तक इनमें से किसी भी धार्मिक स्थल में मुरादाबाद विकास प्राधिकरण ने कोई कार्रवाई नहीं की है।एमडीए के द्वारा दो धार्मिक स्थलों में ताला लगाने को लेकर स्थानीय लोक आक्रोशित हैं।
एमडीए सचिव बोले राममंदिर का भी नक्शा पास हुआः मुरादाबाद विकास प्राधिकरण सर्वेश कुमार गुप्ता धार्मिक स्थल में ताला लगाने को लेकर बड़ी दलील दे रहे हैं। उनसे जब धार्मिक स्थल में ताला लगाने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि लोगों को जागरूक करने के लिए ताला लगाया है। स्थानीय लोग मंदिर में सफाई रखते हैं, लेकिन पार्क की गंदगी पर कोई ध्यान नहीं रखते। सचिव से जब नक्शा मांगने के संबंध में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि निर्माण कोई भी नक्शा सभी के लिए आवश्यक है। अयोध्या में बन रहे राम मंदिर का नक्शा भी अयोध्या विकास प्राधिकरण से पास किया गया है। ऐसे में बिना नक्शे के जो भी निर्माण होता है, वह अवैध होता है।
अफसरों से पुजारी मांगते रहे मंदिर की चाबीः नया मुरादाबाद के सेक्टर 13 में नर्मदेश्वर मंदिर की जिम्मेदारी पुजारी सनी भारद्वाज निभाते हैं। उन्होंने बताया कि चार दिन पहले एमडीए के अफसर अचानक उनके मंदिर में आए गए थे। इस दौरान उन्होंने मंदिर के बारे में जानकारी लेने के बाद मंदिर को अवैध बता दिया था। उन्होंने कहा कि बीते कई सालों से मंदिर में सुबह और शाम की आरती के साथ ही भोग वही चढ़ाया जाता है। शयन आरती के बाद मंदिर बंद होता है। लेकिन, चार दिनों से मंदिर में कोई पूजा-पाठ नहीं हुआ है। भगवान के वस्त्र तक नहीं बदले गए हैं। ताला बंद करने के बाद पुजारी अफसरों के सामने ताला नहीं बंद करने के लिए गुहार लगा रहे थे, लेकिन मौके पर पहुंचे एमडीए के अधिकारियों ने उच्च अधिकारियों के आदेश का हवाला देते हुए मंदिर में ताला लगाकर उनसे जबरन चाबी छीन ली।

अवैध तरीके से एमडीए ने की ताला लगाने की कार्रवाईः मुरादाबाद विकास प्राधिकरण के पास अवैध निर्माण को सील करने के साथ ही ध्वस्तीकरण का अधिकार है। लेकिन नया मुरादाबाद में जिन दो मंदिरों में ताला लगाने की कार्रवाई की है, वह अवैध है। वरिष्ठ अधिवक्ता पीके गोस्वामी ने बताया कि बिना कागजी कार्रवाई के प्राधिकरण किसी भी धार्मिक स्थल पर ताला नहीं लगा सकता है। बिना किसी अग्रिम सूचना के जिस तरह से प्राधिकरण ने ताला लगाया है, वह तानाशाही का उदाहरण हैं। अफसरों को ऐसी कार्रवाई करने से बचना चाहिए। मंदिर में ताला लगाकर जनभावनाओं के साथ खिलवाड़ किया गया है।

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