मेरठ ,NOI :  Wedding Season News मेरठ में हालांकि शादी विवाह के शुभ मुहूर्त शुरू होने में अभी समय है, लेकिन बैंड बाजा, हलवाई और घोड़ी ढूंढे नहीं मिल रहे हैं, क्योंकि सभी इस समय बुक हैं। शादी के सीजन में ऐसी बहार दो साल बाद दिखाई दे रही है। इस विवाह समारोह को लेकर खासा उत्‍साह नजर आ रहा है।

सौ प्रतिशत काम

मेरठ कैटरर्स एसोसिएशन के महामंत्री नवीन अग्रवाल ने कहा कि इस बार शादी के सीजन में सौ प्रतिशत काम है। 14 नवंबर को देवउठनी एकादशी पर अबूझ मुहूर्त में शहर में 1600 शादी होने का अनुमान है। इस बार शादी के मुहूर्त की अधिकता देखते हुए कहा जा सकता है कि एक-एक हलवाई के पास दिन में दो से तीन शादियों के आर्डर हैं। इससे कारोबार को एक बार फिर पंख लगने वाले हैं।


लोगों ने शादी के खाने की महसूस की कमी

बुढ़ाना गेट स्थित खेमा हलवाई के आकाश खेमचंद गुप्ता ने कहा कि लोगों ने शादी के पारंपरिक खाने की कमी महसूस की। इसलिए इस बार पारंपरिक शादी वाला खाना उड़द की दाल की कचौरी, आलू दम, लौंजी की चटनी, छोले, पनीर और दही बड़े की मांग सबसे ज्यादा है। ऐसे ही मीठे में कढ़ाई का गर्म दूध, गाजर का हलवा, मूंग की दाल का हलवा और कमल ककड़ी की चाट भी मेन्यू में शामिल है। हमारे पास एक दिन में शादियों के दो से तीन आर्डर हैं।


स्नैक्स और गोलगप्पे गिलास में होंगे सर्व

गढ़ रोड गांधी आश्रम स्थित ओशियन कैटङ्क्षरग सर्विस के मालिक मयंक गोयल का कहना है कि हाइजीन का ध्यान रखते हुए पहली बार शादी में गोलगप्पे और स्नैक्स को छोटे गिलास में सर्व किया जाएगा। स्नैक्स के साथ गिलास में ही सास भी रहेंगी। इन गिलास की बनावट अलग-अलग है, जो देखने में काफी खूबसूरत भी लगते हैं। इसके अलावा इस बार मटर चाट के साथ कुल्चे की जगह मिर्ची खस्ता और मुरादाबादी दाल के साथ बिस्किट रोटी को मेन्यू में शामिल किया गया है। इस बार शादी के मेन्यू में लोग नई डिश की डिमांड अधिक कर रहे हैं।

शादी में 300 से 500 लोगों का जमावड़ा

आबूलेन स्थित नितांत कैटरर्स के मालिक नितांत बसंल का कहना है कि काफी समय बाद शादी में 500 लोगों का जुटान हो रहा है। एक दिन में तीन से चार शादियों का काम है। इस बार कारोबार में सौ प्रतिशत की तेजी आई है। जहां तक शादी के खाने की बात है तो पहली बार शादी में लौंग और इलायची वाला कहवा, अदरक और मसाले वाली कुल्हड़ की चाय, गुलाब, केसर हलवा और मालपुआ की स्टाल भी लगाने की मांग है। क्राकरी में लोग पीतल की क्राकरी अधिक पसंद कर रहे हैं।

शादी में आज भी पसंद किया जाता है पारंपरिक खाना

फूलमंडी में रहने वाले विष्णु हलवाई का कहना है कि मध्यम वर्ग की शादियों में आज भी पुरानी परंपरा चली आ रही हैं। लोग शादी के खाने के साथ मेहमानों को दी जाने वाली मिठाइयां और कचौरी और मठरी घर पर ही बनवाना पसंद करते हैं। इसकी तैयारी सप्ताह भर पहले से शुरू हो जाती है। इसलिए 14 नवंबर को होने वाले शादी के लिए अभी से काम शुरू हो चुका है।

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