उन्नाव, NOI : राष्ट्रीय राजमार्ग लखनऊ-कानपुर की रायबरेली रेलवे क्रासिंग पर बने ओवरब्रिज के सस्पेंशन ज्वाइंट स्लैब में फिर गहरी दरार आ गई है। दूसरी ओर, इस दरार से राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) के अधिकारी व टोल संचालक एजेंसी पूरी तरह अनजान है।

आठ साल पहले इस रेलवे ओवर ब्रिज के बनकर तैयार होने और संचालन शुरू होने के बाद हर साल दरकने, चटकने, ज्वाइंट स्लैब खुलने के अलावा अन्य निर्माण संबंधी समस्याएं आती रहती हैं। इसकी मरम्मत में भी खेल किया जाता है। यही कारण है कि ज्वाइंट स्लैब भरे जाने के बाद ही कुछ दिनों में पुल में ढाला गया लोहा दिखाई देने लगता है। पुल पर अनवरत भारी व हल्के वाहन निकलते हैं और यह समस्या विकराल हो जाती है। अब एक बार फिर से पुल के ज्वाइंट स्लैब खुल चुके हैं। ऊपर से लगातार वाहन निकल रहे हैं।

नहीं चलेगा ओवरलोडिंग का बहाना : इस बार ओवरब्रिज के लखनऊ-कानपुर साइड में ज्वाइंट स्लैब खुले हैं। इस पर ओवरलोड वाहनों का आवागमन कम रहता है। अभी तक अधिकांश ज्वाइंट स्लैब कानपुर-लखनऊ साइड पर खुलते थे। इस पर एनएचएआइ के अधिकारी ओवरलोड वाहनों को कारण बताकर बचते नजर आते थे।

-दो माह पहले कानपुर-लखनऊ साइड में पुल के ज्वाइंट स्लैब की मरम्मत कराई थी। अब लखनऊ-कानपुर साइड में भी कराई जाएगी। -शिशिर श्रीवास्तव, मेंटीनेंस इंजीनियर पीएनसी राष्ट्रीय राजमार्ग लखनऊ-कानपुर की रायबरेली रेलवे क्रासिंग पर बने ओवरब्रिज के सस्पेंशन ज्वाइंट स्लैब में फिर गहरी दरार आ गई है। दूसरी ओर, इस दरार से राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) के अधिकारी व टोल संचालक एजेंसी पूरी तरह अनजान है।

आठ साल पहले इस रेलवे ओवर ब्रिज के बनकर तैयार होने और संचालन शुरू होने के बाद हर साल दरकने, चटकने, ज्वाइंट स्लैब खुलने के अलावा अन्य निर्माण संबंधी समस्याएं आती रहती हैं। इसकी मरम्मत में भी खेल किया जाता है। यही कारण है कि ज्वाइंट स्लैब भरे जाने के बाद ही कुछ दिनों में पुल में ढाला गया लोहा दिखाई देने लगता है। पुल पर अनवरत भारी व हल्के वाहन निकलते हैं और यह समस्या विकराल हो जाती है। अब एक बार फिर से पुल के ज्वाइंट स्लैब खुल चुके हैं। ऊपर से लगातार वाहन निकल रहे हैं।

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