गोरखपुर ,NOI :  गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) की सीमा में शामिल हुए नए क्षेत्रों में धड़ल्ले से हो रही प्लाटिंग पर लगाम लगाने के लिए जीडीए ने सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। प्लाटिंग के लिए यहां निर्माण भी कराए जा रहे हैं। प्राधिकरण की ओर से जमीन के कारोबार से जुड़े 113 लोगों को नोटिस भेजकर महायोजना 2031 लागू होने तक किसी प्रकार का निर्माण न करने का निर्देश दिया है। ऐसे लोगों से जमीन से जुड़े प्रपत्र भी मंगाए गए हैं। जीडीए की सीमा में शामिल होने के बाद इन क्षेत्रों में कालोनी विकसित करने से पहले लेआउट को रियल एस्टेट रेग्युलेटरी अथारिटी (रेरा) से अनुमोदित भी कराना अनिवार्य है। जीडीए की सख्ती के बाद इन कारोबारियों की करीब 300 एकड़ जमीन फंस गई है।

इन क्षेत्रों में धड़ल्‍ले से हो रही है प्‍लाटि‍ंग

देवरिया रोड, वाराणसी रोड, कालेसर-जंगल कौड़िया फोरलेन बाईपास, जंगल कौड़िया-जगदीशपुर फोरलेन बाइपास (प्रस्तावित), कालेसर-जगदीशपुर फोरलेन बाईपास के दोनों ओर धड़ल्ले से प्लाटिंग की जा रही है। काश्तकारों से सस्ते दर जमीन लेकर या एग्रीमेंट के तहत उनकी जमीन महंगे दाम पर बेची जा रही है। सुविधाओं के नाम पर एक गेट, कुछ पोल लगाए गए हैं। जैसे-जैसे जमीन बिकती जाती है, कारोबारी और जमीन का एग्रीमेंट करा लेते हैं। जिस जमीन पर प्लाटिंग की जा रही है, वह कृषि योग्य है।

महायोजना 2031 लागू होने तक इन क्षेत्रों में नहीं कर सकेंगे किसी प्रकार का निर्माण

जीडीए का सीमा क्षेत्र बढ़ने के कारण ऐसे कारोबारियों पर निगरानी भी बढ़ा दी गई है। पहले ही जीडीए की ओर से अपील की गई थी कि महायोजना लागू होने तक जमीन न खरीदें। महायोजना में भू उपयोग बदलने पर उन्हें नुकसान हो सकता है। कुसम्ही से आगे नया गोरखपुर बसाने एवं कई क्षेत्रों में कृषि की जमीन का भू उपयोग आवासीय किए जाने की संभावना के बाद काश्तकारों ने भी जमीन का रेट बढ़ा दिया है। महायोजना में भू उपयोग बदलने के बाद रेरा से अनुमोदित कराने के बाद ही कालोनी बसायी जा सकती है। सचिव उदय प्रताप सिंह का कहना है कि जहां भी प्लाटिंग की सूचना मिल रही है, नोटिस भेजकर उनसे प्रपत्र मांगे जा रहे हैं।

जीडीए की नई महायोजना जल्द आने वाली है। इसमें विस्तारित क्षेत्र के भू उपयोग भी निर्धारित होंगे। ऐसी सूचना मिल रही है कि कुछ लोग विस्तारित क्षेत्र में प्लाटिंग कर निर्माण करा रहे हैं। ऐसे कारोबारियों को नोटिस देकर प्रपत्र उपलब्ध कराने एवं महायोजना लागू होने तक किसी प्रकार का निर्माण न करने को कहा गया है। महायोजना लागू होने के बाद सुनियोजित विकास का मार्ग प्रशस्त होगा। - प्रेम रंजन सिंह, उपाध्यक्ष, जीडीए।

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