पटना, NOI :  Bihar Politics: भाजपा नेतृत्व ने जदयू से यूपी चुनाव के लिए उन सीटों की सूची मांगी है जहां से वह गठबंधन के साथ विधानसभा चुनाव में अपने प्रत्याशी को उतारने की इच्छा रखता है। वैसे इस वर्ष 2007 वाला मामला नजर नहीं आ रहा। उस वर्ष यूपी विधानसभा चुनाव में भाजपा ने जदयू के साथ जो गठबंधन बनाया था उसके तहत जदयू को 20 सीटें मिली थीं। एक पखवाड़ा पहले जदयू नेता व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने भाजपा नेतृत्व से गठबंधन के संबंध में बात की थी। संभव है कि बात कुछ आगे बढ़ सकती है। केसी त्यागी यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिल चुके हैं।

जातिगत समीकरण के आधार पर बढ़ रही बात

ऐसी चर्चा है कि किसान आंदोलन की वजह से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाजपा के खिलाफ माहौल बनाया जा सकता है। ऐसे में इसकी भरपाई मध्य व पूर्वी उत्तर प्रदेश से करने की बात चल रही। इन इलाकों में कुर्मी व अति पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं की संख्या अधिक है। ऐसे में इस बात की कोशिश है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन क्षेत्रों में एनडीए के पक्ष में सभा करें। अति पिछड़ा वर्ग के लिए उनके द्वारा किए गए काम की चर्चा पूर्वी उत्तर प्रदेश और मध्य उत्तर प्रदेश में होती रही है। जदयू की कोशिश है कि यूपी के इन क्षेत्रों में व भाजपा के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़े।


जीतने की ताकत नहीं, लेकिन हराने में हो सकते हैं सफल

यूपी के विधानसभा चुनाव में जदयू की स्थिति अपने दम पर जीतने की नहीं है। पर अगर वह अकेले चुनाव लड़ता है तो दूसरों को नुकसान जरूर हो जाएगा। अगर पांच हजार वोट भी आते हैं तो दूसरे इस वजह से हार सकते हैं। लोकसभा में वर्ष 1998 मे हरिकेवल प्रसद यूपी के सलेमपुर सीट से समता पार्टी की टिकट पर चुनाव जीत चुके हैं। वहीं वर्ष 2004 में यूपी के आंवला लोकसभा क्षेत्र से कुंवर सर्वराज सिंह जदयू के टिकट पर जीत हासिल की थी।

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