SBI में जनधन खाता तो चेक कर लें कहीं कोई रकम फालतू तो नहीं कट गई, बैंक ने जारी की सफाई
SBI ने 1 अक्टूबर 2020 से FI ग्राहकों के लिए सभी डिजिटल लेन-देन को मुफ्त कर दिया है। इसके अलावा, एक महीने में अधिकतम 4 नकद निकासी फ्री हैं। पूरी तरह से फ्री डिजिटल लेन-देन और 4 फ्री नकद निकासी, इन ग्राहकों को उनकी सभी बैंकिंग जरूरतों को पूरा करने में सक्षम बना रहे हैं।
IIT मुंबई ने इसे रिपोर्ट किया है। उसके मुताबिक जन-धन खाता योजना पर तैयार एक रिपोर्ट में इस शुल्क को वापस लौटाने का सरकार से निर्देश मिलने के बाद भी बैंक ने अब तक सिर्फ 90 करोड़ रुपये ही खाताधारकों को लौटाए हैं। 164 करोड़ रुपये लौटाना बाकी है। SBI ने अप्रैल, 2017 से सितंबर, 2020 के दौरान जन-धन खातों से UPI और Rupay लेन-देन के एवज में कुल 254 करोड़ रुपये से अधिक शुल्क वसूला था। इसमें प्रति लेन-देन बैंक ने खाताधारकों से 17.70 रुपये का शुल्क लिया था।
किसी भी दूसरे बैंक के उलट SBI ने 1 जून, 2017 से जन-धन खाताधारकों द्वारा डिजिटल लेनदेन करने पर शुल्क वसूलना शुरू कर दिया था। 1 महीने में चार से अधिक निकासी करने पर बैंक 17.70 रुपये प्रति लेनदेन का शुल्क ले रहा था। बैंक के इस कदम ने सरकार के आह्वान पर डिजिटल लेनदेन करने वाले जन-धन खाताधारकों पर प्रतिकूल असर डाला।
बैंक के इस रवैये की जब अगस्त, 2020 में वित्त मंत्रालय से शिकायत की गई तो, उसने फौरन कदम उठाया। CBDT ने 30 अगस्त, 2020 को बैंकों के लिए सर्कुलर जारी करते हुए कहा कि एक जनवरी, 2020 से खाताधारकों से लिए गए शुल्क को वापस किया जाए। इसके अलावा भविष्य में इस तरह का कोई शुल्क नहीं वसूला जाए। इसके बाद एसबीआइ ने 17 फरवरी, 2021 को जन-धन खाताधारकों से डिजिटल लेनदेन के एवज में लिए गए शुल्क को लौटाने की प्रक्रिया शुरू की। रिपोर्ट तैयार करने वाले सांख्यिकी प्रोफेसर आशीष दास कहते हैं कि अब भी इन खाताधारकों के 164 करोड़ रुपये लौटाए जाने बाकी हैं।
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