चंडीगढ़ NOI: पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ की नई सीनेट के गठन का मामला अब फिर से लटक गया है। पीयू सीनेट का विवाद फिर से बढ़ने लगा है। शुक्रवार पीयू कुलपति प्रो.राजकुमार ने आर्ट्स कालेज चुनाव क्षेत्र से जीतने वाले असिस्टेंट प्रोफेसर डा. तरुण घई की सदस्यता को रद कर दिया था। पीयू कुलपति द्वारा इस फैसले को लेकर डा. तरुण घई ने भी मोर्चा खोल दिया है।

सोमवार सुबह डा. घई कुलपति दफ्तर के सामने धरने पर बैठ गए हैं। उन्होंने बताया कि वह फिलहाल 24 घंटे के लिए शांतिपूर्वक धरने पर बैठें हैं, लेकिन उनकी मांग पर कुलपति द्वारा कोई कार्रवाई नहीं हुई तो वह आगे की रणनीति भी तैयार करेंगे। पीयू में सीनेट के गठन को लेकर बीते एक साल से विवाद चल रहा है। पहले पीयू की मौजूदा सीनेट को ही खत्म कर उसमें बड़े स्तर पर रिफार्म्स (बदलाव) करने की कोशिश की गई, लेकिन पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट के निर्देशों पर पीयू प्रशासन को सीनेट चुनाव कराने पड़े। चुनाव को लेकर भी पेंच फंसता गया और चुनाव चार से पांच बार स्थगित करना पड़ा।

डा.तरुण घई कालेज कांस्टीट्यूंसी चुनाव क्षेत्र से शिक्षकों की कैटेगरी की आठ सीटों के लिए चुनाव लड़े थे। उन्होंने 15 उम्मीदवारों में से छठा स्थान हासिल कर पीयू सीनेट में जगह पक्की कर ली। लेकिन बाद में चुनाव हारने वाले सेक्टर-11 स्थित पोस्ट ग्रेजुएट गवर्नमेंट कालेज फार गर्ल्स में एसोसिएट प्रोफेसर डा. मनोज कुमार ने उनके चयन को पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में चैलेंज कर दिया। डा.मनोज ने आरोप लगाया कि जिस समय डा. तरुण घई ने चुनाव लड़ा और जीते वह किसी भी कालेज में प्रोफेसर नहीं थे। डा.घई को पंजाब में उनके कालेज मैनेजमेंट ने सीनेट चुनाव से कुछ महीने पहले ही नौकरी से बर्खास्त कर दिया था। पूरे मामले में हाई कोर्ट ने पीयू कुलपति प्रो. राजकुमार और चांसलर को निर्देश जारी किए। हाई कोर्ट के आदेशों पर पीयू कुलपति ने 26 नवंबर 2021 को मामले से जुड़ी सभी पार्टियों की सुनवाई की और फैसला डा. तरुण घई के खिलाफ दे दिया। तरुण घई की सीनेट की सदस्यता रद कर दी गई ,साथ ही इस मामले में शिकयात करने वाले वेटिंग लिस्ट में शामिल डा. मनोज कुमार को भी विजेता घोषित करने से इन्कार कर दिया। अब फिर से पूरा मामला हाई कोर्ट में जाने की उम्मीद है।

पीयू सीनेट के गठन में दो से तीन महीने की होगी देरी  

मौजूदा हालात को देखते हुए पीयू सीनेट के गठन में देरी हो सकती है। डा. मनोज कुमार का कहना है कि वह दोबारा से वोटों की गिनती करने या फिर चुनाव दोबारा से कराने की हाई कोर्ट से मांग करेंगे। ऐसे में पीयू सीनेट की नोटिफिकेशन के लिए चांसलर आफिस को भेजे गए प्रस्ताव की अप्रूवल फिर से रुक सकती है। सूत्रों के अनुसार दोबारा से चुनाव और रिजल्ट के बाद ही पीयू सीनेट के सदस्यों को लेकर नोटिफिकेशन और पहली मीटिंग तय हो पाएगी। 

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