नई दिल्‍ली,NOI: केंद्र सरकार ने पेंशनभोगियों (Pensioner) के लिए ‘जीवन प्रमाणपत्र’ (life certificate for pensioners) के एक प्रमाण के रूप में चेहरा पहचानने वाली ‘विशिष्ट’ तकनीक को पेश किया है। कार्मिक राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने यह खास तकनीक पेश करते हुए कहा कि इससे सेवानिवृत्त एवं बुजुर्ग पेंशनभोगियों (life certificate for pensioners) को काफी सहूलियत होगी। चेहरा पहचानने वाली इस तकनीक की मदद से पेंशनधारकों के जीवित होने की पुष्टि की जा सकेगी।

life certificate for pensioners

दरअसल, सभी पेंशनधारकों को साल के अंत में अपने जीवित होने का प्रमाणपत्र (life certificate for pensioners) देना अनिवार्य होता है। इस प्रमाणपत्र के आधार पर ही उन्हें आगे पेंशन जारी रखी जाती है। सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार पेंशनभोगियों की जरूरतों को लेकर संवेदनशील रही है और उनकी जिंदगी को सुगम बनाने की कोशिश करती रही है।

पेंशनधारकों के लिए डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र की सुविधा

वर्ष 2014 में सत्ता में आने के बाद सरकार ने पेंशनधारकों के लिए डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र की सुविधा शुरू की थी। अब चेहरा पहचानने वाली इस तकनीक से उन्हें और भी मदद मिलेगी।

केंद्र सरकार के 68 लाख पेंशनभोगी

उन्होंने कहा कि जीवन प्रमाणपत्र देने के लिए चेहरा पहचानने वाली इस तकनीक की शुरुआत एक ऐतिहासिक एवं दूरगामी सुधार है। इससे न केवल केंद्र सरकार के 68 लाख पेंशनभोगी बल्कि ईपीएफओ एवं राज्य सरकारों से पेंशन पाने वाले लोग भी लाभान्वित होंगे।

UIDAI का धन्‍यवाद

कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, इस मौके पर राज्यमंत्री ने इस तकनीक को सामने लाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के साथ ही विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) को धन्यवाद दिया। एजी ऑफिस ब्रदरहुड के पूर्व अध्‍यक्ष एचएस तिवारी ने कहा कि सरकार ने पेंशनरों के लिए नई फेस वाली तकनीक लाकर सराहनीय काम किया है। इससे बुजुर्ग पेंशनर आसानी से Life certificate जमा कर सकेंगे। 

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