आइएएस इफ्तिखारुद्दीन केस : एसआइटी ने देखे 150 से ज्यादा वीडियो देख, रडार पर आए 63 समर्थक
इफ्तिखारुद्दीन जब कानपुर के मंडलायुक्त थे, उस दौरान के लगभग चार-पांच वीडियो ढाई महीने पहले वायरल हुए। इन वीडियो में वह अपने सरकारी आवास में तकरीरें करते नजर आ रहे थे। मीडिया में यह मामला तेजी से उछला तो सरकार ने सीबीसीआइडी के महानिदेशक जीएल मीणा की अध्यक्षता में एडीजी कानपुर जोन भानु भाष्कर को शामिल करते हुए दो सदस्यीय एसआइटी का गठन किया था।
करीब एक महीने पहले एसआइटी ने जांच रिपोर्ट शासन को सौंप दी है। जांच में माना गया है कि वरिष्ठ आइएएस ने सरकारी आवास पर तकरीरें करके मतांतरण के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया, अन्य धर्मों की आलोचना की। इस संबंध में एसआइटी को 150 से ज्यादा वीडियो मिले हैं। शुरुआत में दावा किया गया था कि उन्होंने कट्टरपंथ को बढ़ावा देने के लिए तीन किताबें लिखी हैं, लेकिन अब आठ किताबों की बात सामने आई है।
एसआइटी की रिपोर्ट का एक महत्वपूर्ण तथ्य आइएएस के मददगारों को भी चिह्नित किया जाना भी है। सूत्रों के मुताबिक एसआइटी ने एक-एक वीडियो को देखा, तकरीरों को सुना और उसे लिपिबद्ध किया। वीडियो को देखकर इफ्तिखारुद्दीन के 63 कट्टर समर्थकों को भी चिह्नित किया है। इनमें से 45 से ज्यादा समर्थकों के बारे में एसअसाइटी ने संक्षिप्त सूचनाएं एकत्र कर ली हैं। बताया जा रहा है कि इनमें से दो दर्जन समर्थक कानपुर से संबंध रखते हैं। एसआइटी ने समर्थकों के बारे में और जानकारी एकत्र करने की संस्तुति भी की है।
18 अक्टूबर को सौंप दी थी रिपोर्ट : एसआइटी ने 20 दिनों की जांच के बाद 18 अक्टूबर 2021 को अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी थी। जांच रिपोर्ट में वरिष्ठ आइएएस पर गंभीर आरोप लगाए हैं, बावजूद इसके शासन स्तर पर अब तक कार्रवाई नहीं हुई है। तमाम आइएएस हटाए जा चुके हैं, लेकिन इफ्तिखारुद्दीन अपने पद पर बने हुए हैं।
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