आज से 1 महीने के लिए बंद हुए शादी-विवाह जैसे मंगल कार्य, जानें- जुलाई तक कब-कब है शुभ मूहुर्त
दरअसल, चतुर्मास की तरह खरमास में भी कोई मांगलिक यानी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। खरमास को देश के कई स्थानों पर मलमास के नाम से भी जाना जाता है। जाने-माने ज्योतिषियों और पंडितों के अनुसार इस दौरान सभी शुभ कार्य पूरी तरह से वर्जित माने जाते हैं।
कब लगता है खरमास
हिंदू मान्यता के अनुसार, सूर्य जब गुरु की राशि धनु में प्रवेश करता है तब खरमास का योग बनता है। मान्यता है कि सूर्य के कारण बृहस्पति निस्तेज हो जाते हैं और फिर सूर्य के गुरु की राशि में प्रवेश करने से शुभ कार्यों पर प्रतिबंध लग जाता है। प्रत्येक वर्ष दो बार मलमास या खरमास लगता है। इसके तहत पहला धनुर्मास और दूसरा मीन मास होता है।
खरमास में नहीं होते ये काम
- शादी-विवाह
- मुंडन
- गृह प्रवेश
- जनेऊ संस्कार
- नामकरण
- यज्ञोपवीत
अगले साल 14 जनवरी को सूर्यदेव के मकर राशि में प्रवेश करने के साथ खरमास समाप्त होता है और फिर इसके बाद शुभ कार्यों प्रारंभ हो जात हैं। खरमास खत्म होने के साथ ही शादी-विवाह जैसे शुभ कार्यों पर रोक हट जाती है।
खरमास खत्म होते ही 14 जनवरी से शुभ कार्य प्रारंभ हो जाएंगे। इसके बाद 20, 27 और 28 जनवरी को भी शुभ विवाह का मुहूर्त है। इसी कड़ी में अगले महीने यानी 6, 11, 18, 21, 25 और 27 फरवरी को भी शादियों का शुभ लगन है। फिर मार्च महीने में 4 और 9 मार्च को भी शुभ विवाह का लगन है। इसके अगले महीने 14, 17, 21 और 22 अप्रैल को भी शादी का योग है। फिर 11, 12, 18, 20 और 25 मई को भी शुभ विवाह का मुहूर्त है। 16, 10,12 15, 16 जून को शुभ योग है, जबकि 3, 6, 8, 10, 11 और 14 जुलाई को शुभ कार्य किए जा सकते हैं।
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