नई दिल्ली, NOI : केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने सदन में बताया कि 5 लाख या इससे अधिक आबादी वाले शहरी क्षेत्रों के 50 किमी परिधि के भीतर राष्ट्रीय राजमार्गों पर फुटपाथ के आवधिक नवीनीकरण कोट में अपशिष्ट प्लास्टिक के अनिवार्य उपयोग के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। इंडियन रोड्स कांग्रेस (IRC) ने वियरिंग कोर्स के लिए गर्म बिटुमिनस मिक्स में बेकार प्लास्टिक के उपयोग के लिए दिशानिर्देश तैयार किए हैं। अब तक देश में वियरिंग कोर्स में वेस्ट प्लास्टिक का इस्तेमाल कर 703 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय हाइवे का निर्माण किया जा चुका है। सामग्री, मशीनरी और जनशक्ति जैसे सभी निवेश पर विचार करते हुए परियोजनाओं की लागत का अनुमान लगाया जाता है। यह जानकारी केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी है।

ग्रीन नेशनल हाइवे कॉरिडोर परियोजना की स्थिति

इसके साथ ही सदन में यह जानकारी दी गई कि सरकार ने ग्रीन नेशनल हाईवे कॉरिडोर (GNHCP) विकसित करने के लिए विश्व बैंक के साथ ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इस परियोजना में राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश राज्यों से गुजरने वाले विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्गों की लगभग 781 किलोमीटर लंबाई का उन्नयन शामिल है। कुल 781 किमी की लंबाई में से 287.96 किलोमीटर पर कार्य हुआ है, जिसकी सिविल लागत 1664.44 करोड़ रुपये है। कार्य पूरा करने की निर्धारित तिथि दिसंबर, 2025 है। यह जानकारी भी केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी है।

सड़क हादसों में होने वाली मौतों को 50 फीसद कम करने का लक्ष्य: गडकरी

बता दें कि भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों का बनाए जाने का काम तेजी से हो रहा है। हाल ही में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि उनके मंत्रालय ने वर्ष 2025 से पहले देश में सड़क हादसों व उनमें होने वाली मौतों को 50 फीसद कम करने का लक्ष्य तय किया है। उन्होंने इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए तमिलनाडु की तारीफ भी की थी।

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