इंदौर, NOI:  रिश्वतखोर पुलिसवालों के खिलाफ पुलिस कमिश्नर हरिनारायणाचारी मिश्र ने शुक्रवार को एक अभियान चलाया। दोनों अफसर एडिशनल डीसीपी डा.प्रशांत चौबे क्लीनर और एसीपी अजय वाजपेयी चालक बन 40 किलोमीटर तक घूमे। पुलिस वाले भी उन्‍हें नहीं पहचान पाये और कई जगह पर उन्‍हें रोका। पुलिस वाले उन्‍हें पहचान न पाये इसके लिए उन्‍होंने फटे हुए कपड़े पहने हुए थे, सिर पर भी गमछा लपेटा हुआ था और पैरों में पुरानी चप्‍पल पहनी हुई थी। एडिशनल डीसीपी (सुरक्षा-सूचना) डा.प्रशांत चौबे के अनुपात योजना के अनुसार पेवर ब्लाक से भरे लोडिंग वाहन से जांच की गई थी। पूर्व चालक को 1500 रुपये देकर गाड़ी के ऊपर बैठा दिया। दोनों लगभग 40 किलोमीटर तक विभिन्‍न चौराहों से गुजरे लेकिन किसी भी पुसिकर्मी ने उनसे रिश्‍वत नहीं मांगी।

रंगे हाथ पकड़ना चाहते थे

दो दिन पूर्व सीपी हरिनारायणाचारी मिश्र को शिकायत मिली थी कि थानों में पुलिस वाले अवैध वसूली करते हैं। शिकायत सुन कर दोनों अधिकारियों ने खुद ही कार्रवाई करने का मन बनाया। एडीसीमी व एसीपी दोनों ही गाड़ी लेकर वहां रवाना हो गए। दोनों गाड़ी को गांधी नगर, मरीमाता, विजयनगर होते हुए करीब 40 किमी तक घुमाया लेकिन किसी भी पुलिसकर्मी ने रोका टोकी नहीं की। इस मामले में एसीपी ने सीपी को रिर्पोट सौंप दी है।

पुलिस अफसरों के कार्य विभाजन का खाका तैयार

अफसरों के कार्य विभाजन को लेकर पुलिस कमिश्‍नर ने रूपरेखा तैयार कर ली है। सीपी के अनुसार स्‍वास्‍थ्‍य से जुड़े मामलों को लेकर धारा 144 का अधिकार कलेक्‍टर के पास ही रहेगा। जबकि एडिशनल सीपी (कानून व्यवस्था) धरना प्रदर्शन, रैली की अनुमति के लिए सीपी कार्यालय या थाने में आवेदन करने पर अनुमति देंगे। इसी प्रकार डीसीपी (मुख्यालय) जिलाबदर व 107(16) के प्रकरण देखेंगे। 107 (16) की सुनवाई न्यायालीन मामलों के एसीपी भी कर सकेंगे।

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