सर्दियों में खानपान में इन तीन पारंपरिक चीजों को करें शामिल, सर्दी-जुकाम से बचेंगे; इम्युनिटी भी बढ़ेगी
नई दिल्ली, NOI: जाड़े के दिनों में हम अपने खानपान में कुछ खाद्य पदार्थों का शामिल कर न केवल सर्दी-जुकाम को दूर रख सकते हैं, बल्कि शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ा सकते हैं। डाइटीशियन डा. सुनीता मिश्रा बता रही हैं कि खानपान में किन खाद्य पदार्थों को शामिल करना रहेगा आपके लिए लाभप्रद...
अलसी: कई शोध-अध्ययनों से यह साबित हो चुका है कि अलसी में पाए जाने वाले ढेर सारे पोषक तत्व हमारे लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। यह न केवल हमारे शरीर को अंदर से गरम रखने में मदद करती है। कारण, इसकी तासीर गरम होती है। इसके सेवन से ढेर सारे शारीरिक समस्याओं से भी छुटकारा दिलाती है। हालांकि इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि अधिक मात्रा में अलसी का सेवन न करें। अलसी में भरपूर मात्रा में ओमेगा 3 फैटी एसिड, आयरन, पोटेशियम, कापर, जिंक, मैग्नीशियम, सेलेनियम, प्रोटीन, फाइबर, विटामिन बी1, बी6 जैसे तत्व पाए जाते हैं। इसके साथ ही इसमें भरपूर मात्रा में एंटीआक्सीडेंट पाए जाते हैं।
अलसी के सेवन से हृदयरोगों से भी सुरक्षा होती है। कारण, इसमें मौजूद घुलनशील फाइबर शरीर में कोलेस्ट्राल को नियंत्रित करने का काम करते हैं। इसमें पाया जाने वाला ओमेगा 3 फैटी एसिड रक्त प्रवाह को सुचारु रखने में मदद करता है। अलसी का सेवन खून के जमने या इसके थक्का बनने से रोकता है। यह शरीर में मौजूद फैट को भी कम करने में मदद करती है। इसमें पाया जाने वाला फाइटोकेमिकल न केवल त्वचा के लिए लाभदायक होता है, बल्कि बालों के लिए भी लाभदायक होता है।
तिल: जाड़े के दिनों में तिल से बनी चीजों का सेवन करना बहुत फायदेमंद रहता है। तिल में पाए जाने वाले पोषक तत्व न केवल सर्दी-जुकाम को दूर करने में मदद करते हैं, बल्कि यह ब्लड प्रेशर को सामान्य रखने में मदद करते हैं। तिल में कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस, मैंगनीज, कापर, जिंक, फाइबर, थायमिन, फोलेट, प्रोटीन के साथ ही विटामिन बी 6 आदि पोषक तत्व मौजूद होते हैं। तिल में मौजूद एंटीआक्सीडेंट न केवल दिल के लिए फायदेमंद होते हैं, बल्कि ये विभिन्न प्रकार के कैंसर की रोकथाम में भी मदद करते हैं। तिल के सेवन से शरीर में इंसुलिन और ग्लूकोज का स्तर नियंत्रित रहता है। तिल हड्डियों को मजबूत रखने में भी मदद करता है। चूंकि तिल में काफी मात्रा में फाइबर भी होता है। इसलिए ये पाचनतंत्र को दुरुस्त रखने में सहायक होता है। इसके साथ ही यह शरीर में बैड कोलेस्ट्राल की मात्रा को कम करने में मदद करता है। तिल का सेवन दांतों के लिए भी लाभकारी रहता है। तिल खून की मात्रा बढ़ाने में भी मदद करता है।
सोयाबीन: सोयाबीन पोषक तत्वों का खजाना है। इसमें भरपूर मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। इसलिए यह हमारी सेहत को दुरुस्त रखने में बहुत कारगर है। इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व हड्डियों को मजबूत रखने में मदद करते हैं। इसमें पाया जाने वाला प्रोटीन ग्लूकोज और इंसुलिन की मात्रा को संतुलित रखने में मदद करता है। इसमें पाए जाने वाले एंटीआक्सीडेंट हृदय रोगों से रक्षा करते हैं। सोयाबीन के सेवन से शरीर में मौजूद फैट की मात्रा कम करने में भी मदद मिलती है। यह हाई ब्लड प्रेशर को कम करने में भी कारगर है।
सोयाबीन में कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस, सोडियम, पोटेशियम, जिंक के साथ ही विटामिन ए, बी 6, सी आदि पाया जाता है। इसमें थाइमिन, राइबोफ्लेविन, नियासिन, फोलेट आदि भी पाया जाता है। सोयाबीन के बीजों से सब्जी बनाई जा सकती है। सोयाबीन को अंकुरित भी सेवन किया जा सकता है। सोयाबीन से मिल्क भी तैयार किया जा सकता है। सोयाबड़ी और टोफू का भी सेवन किया जा सकता है। सोयाबीन के लड्डू सर्दी-जुकाम को दूर करने में भी कारगर हैं। हालांकि इस बात का ध्यान रखें कि अधिक मात्रा में सोयाबीन का सेवन करना नुकसानदायक भी हो सकता है। इसके अधिक सेवन से कोलेस्ट्राल का स्तर बढ़ सकता है, जो हृदय रोगों को जन्म दे सकता है। शोधों से पता चला है कि सीमित मात्रा में सोयाबीन का सेवन करके हम स्वस्थ रह सकते हैं।
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