बरेली बार एसोसिएशन के चुनाव की वोटिंग शुरू होते ही रोकनी पड़ी, जानें क्या रही इसकी वजह
बरेली,NOI : बार एसोसिएशन चुनाव को लेकर सोमवार को वोटिंग शुरू हो गई। मतदान के लिए काफी संख्या में अधिवक्ता पहुंच रहे हैं। वोटिंग के लिए प्रत्येक बूथ पर भीड़ लगी रही। सुरक्षा व्यवस्था भी बेहद चाक-चौबंद रही। चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात है। इन सबके बीच वोट मांगने के लिए मेन गेट तक प्रत्याशियों ने डेरा डाल दिया। इसके चलते 11:23 बजे वोटिंग रोक दी गई। अधिवक्ताओं से सहयोग की अपील की गई है। जल्द ही दोबारा वोटिंग शुरू होगी। बार एसोसिएशन के विभिन्न पदों के लिए सात बूथों पर 2056 अधिवक्ता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। प्रत्येक बूथ पर 300 अधिवक्ताओं के वोट पड़ेंगे।अंतिम बूथ पर 256 वोट आवंटित किए गए हैं। मतदान में 21 पदों के लिए 66 उम्मीदवार हिस्सा ले रहे हैं। वोटिंग के बाद मतगणना 21 दिसंबर को की जाएगी जिसमें गिनती के बाद पदाधिकारी तय किए जाएंगे।
खामोश लब है झुकी हैं पलकें दिलों में उल्फत नई-नई है : सद्भावना कमेटी, उप्र. की ओर से रविवार रात को खलील हायर सेकेंडरी स्कूल में मुशायरा एवं कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में कवि व शायरों ने कई अपने कलाम पेश किए। शायरा शबीना अदीब ने कहा, खामोश लब हैं झुकी हैं पलकें दिलों में उल्फत नई-नई है, अभी तकल्लुफ है गुफ्तुगू में अभी मोहब्बत नई-नई है। हाशिम फिरोजाबादी ने पढ़ा,और क्या चाहिये इक बदन के लिए, ये तिरंगा बहुत है कफन के लिए, सरहदों पर हमें भेजकर देखिए, जान दे देंगे हम भी वतन के लिए। पल्लवी सक्सेना ने गजल पढ़ी, जब से तुम जिंदगी में हो आने लगे , तब से रातों को हमको जगाने लगे। शहजादा कलीम, विकास बोखल, आबाद सुल्तानपुरी, अना दहलवी, यासिर सिद्दीकी, ज्योति त्रिपाठी, आजाद प्रतापगढ़ी, शादाब कुरैशी ने भी दिलकश शायरी की। मुख्य अतिथि पूर्व कैबिनेट मंत्री कमाल अख्तर रहे। संचालन नदीम फर्रूख ने किया। इस दौरान चेयरमैन आजाद एवं पूर्व मंत्री मुनीर अहमद समेत सपा के पदाधिकारी व नेता मौजूद रहे।
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