बिहार व झारखंड के बच्चों को चूड़ी बनाने के कारखानों से मुक्त कराया, 14 से 18 घंटे तक लेते थे काम, नहीं करने पर की जाती मारपीट
जयपुर NOI: राजस्थान की राजधानी जयपुर में बालश्रम की घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। पुलिस ने शुक्रवार को शहर के शास्त्री नगर क्षेत्र से 17 बाल श्रमिकों को मुक्त कराया है। यह सभी बिहार और झारखंड के रहने वाले हैं। यह बच्चे दोनों राज्यों में किस-किस जिले के हैं,पुलिस इस बात की जानकारी करने में जुटी है। बच्चों को मुक्त कराने के साथ ही पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।
जानकारी के अनुसार जयपुर पुलिस आयुक्त को सूचना मिली थी कि बिहार और झारखंड से बच्चों को लाकर दलाल उन्हें अलग-अलग क्षेत्रों में चूड़ी बनाने के कारखानों में रख रहे हैं। इस पर पुलिस की मानव तस्करी विरोधी यूनिट, भट्टा बस्ती थाना पुलिस और स्वयंसेवी संस्था बचपन बचाओ आंदोलन की संयुक्त टीम ने शुक्रवार को कार्रवाई करते हुए 17 बच्चों को दो चूड़ी कारखानों से मुक्त कराया है। एक कारखाने से 13 और दूसरे से 4 बच्चों को मुक्त कराया गया है। बच्चों की उम्र 10 से 16 साल के बीच है।
मालूम हो कि बच्चों से 14 से 18 घंटे तक काम कराया जाता था । बच्चों को डरा धमका कर कारखानों में कैद कर के रखा जाता है। बच्चों ने टीम को बताया कि उन्हे भोजन भी एक समय ही दिया जाता था । पुलिस ने बंधुआ मजदूरी कानून की धारा 16,17,18 और भारतीय दंड संहिता की धारा 370 व 374 के तहत मामला दर्ज कर तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।
बच्चों ने पुलिसकर्मियों को बताया कि दलाल उनके माता-पिता से झूठ बोलकर यहां लेकर आए थे कि उन्हे घरों में काम करने के लिए रखा जाएगा। लेकिन यहां लाकर चूड़ी बनाने के कारखानों में काम पर लगा दिया गया । प्रत्येक बच्चे के माता-पिता को मात्र 10 से 12 हजार की नकद रकम दी गई थी। बच्चों ने बताया कि स्वास्थ्य खराब होने पर भी उनसे काम कराया जाता था। काम नहीं करने पर मारपीट की जाती थी। कारखानों से मुक्त कराए गए बच्चों को स्वयंसेवी संस्था के पास रखा गया है। इनके स्वजनों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।
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