कोरोना संक्रमित वकीलों को वैक्सीनेशन बिना भी इलाहाबाद हाई कोर्ट में बहस की मिली छूट
हाई कोर्ट बार एसोसिएशन से 40 लाख रुपये से अधिक आयकर वसूलने संबंधी नोटिस के विरुद्ध दाखिल याचिका पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आयकर विभाग को जवाब दाखिल करने का अतिरिक्त 24 घंटे का समय दिया है। न्यायालय ने इससे पूर्व 25 जून को आदेश पारित कर आयकर विभाग से जवाब मांगा था। जवाब दाखिल न होने पर न्यायालय ने 24 घंटे का अतिरिक्त समय दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल और न्यायमूर्ति सुधारानी ठाकुर की खंडपीठ ने बार एसोसिएशन की याचिका पर दिया है।
मालूम हो कि आयकर विभाग ने वर्ष 2017-18 के लिए पुर्न कर निर्धारण का नोटिस दिया था। साथ ही 40 लाख रुपये का आयकर वसूला भी जा चुका है। इसे दो अलग अलग याचिकाएं दाखिल कर चुनौती दी गई है। बार एसोसिएशन का सहयोग कर रहे वरिष्ठ कर एवं वित्त सलाहकार डा. पवन जायसवाल ने बताया कि हाई कोर्ट बार एसोसिएशन आयकर के दायरे में नहीं है क्योंकि यह संस्था सदस्यों के आपसी लाभ के लिए काम करती है। कोरोना काल में बड़ी संख्या में अधिवक्ताओं की मृत्यु हुई है जिनके आश्रितों को बार की ओर से पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है। ऐसी परिस्थिति में आयकर विभाग द्वारा कर वसूली करना और नोटिस जारी करना गलत है। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की ओर से अध्यक्ष अमरेंद्र नाथ सिंह, रामानुज तिवारी, अमिताभ अग्रवाल और अजीत कुमार आदि वकीलों ने पक्ष रखा। न्यायालय ने बार एसोसिएशन को रिजाइंडर शपथपत्र दाखिल करने के लिए तीन दिन का समय दिया है। मामले की अगली सुनवाई 28 जुलाई को होगी।
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