कानपुर, NOI :  शहर में 29 दिसंबर 2021 से मोतीझील से आइआइटी के बीच नौ किमी के दायरे में शुरु हुए मेट्रो ट्रेन के संचालन को नौ दिन बीत चुके हैं। इस अंतराल में मेट्रो ट्रेन में परिवहन के दौरान 17 बार लोग कीमती सामान भी भूले। ऐसे में सुरक्षा कर्मियों ने लोगों की परेशानी दूर कर चेहरे पर मुस्कान लाने का काम किया। शहरवासी कर्मचारियों की ईमानदारी से खुश होकर प्रशंसा में पत्र लिख रहे हैं। मेट्रो रेल के डीजीएम जनसंपर्क पंचानन मिश्रा ने बताया कि लखनऊ मेट्रो में भी सराहनीय कार्यों के तहत उत्तर प्रदेश मेट्रो की टीम ने यात्रियों के छूटे हुए आठ लाख रुपये से अधिक नकद और करीब 500 मोबाइल और लैपटाप जैसे उपकरण लौटाने में भूमिका अदा की है। 

चंद घंटे में मिल गया खोया हुआ पर्स 

शिवाजी नगर निवासी उमेश चंद्र मिश्रा मेट्रो में अपना पर्स भूल गए। पर्स में उनका ड्राइवेंग लाइसेंस और डेबिट कार्ड जैसे जरूरी दस्तावेज थे। उमेश ने सुरक्षा कर्मी को अवगत कराया तो कर्मचारी ने फौरन तलाश कराई और चंद घंटों में पर्स लौटाया। उमेश ने पत्र लिखकर मेट्रो कर्मियों को धन्यवाद दिया।

शहर के बाकी हिस्सों तक पहुंचे मेट्रो : 

पहली बार यात्रा कर रहीं मीतू ने पत्र में लिखा कि कानपुर में हो रहे इस बदलाव का साक्षी बनकर खुशी महसूस हुई। यात्रा के दौरान मेट्रो के अंदर का माहौल अच्छा मिला। मैंने एक छोटे बच्चे को मेट्रो से यात्रा करते देखा, जिसकी आंखों में कौतूहल था। आपसे प्रार्थना है कि विकास की यह रफ्तार कानपुर के बाकी हिस्सों तक भी पहुंचाएं। 

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