नई दिल्ली NOI:  दिल्ली दंगे के दौरान गोकलपुरी थाना क्षेत्र के भागीरथी विहार में लूटपाट के बाद घर जलाने और दुकान में चोरी करने के मामले में शुक्रवार को कड़कड़डूमा कोर्ट ने चार लोगों को बरी कर दिया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र भट्ट के कोर्ट ने कहा कि दोष साबित करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य नहीं है। इस वजह से दिनेश यादव उर्फ माइकल, साहिल उर्फ बाबू, संदीप उर्फ मोगली और टिंकू को बरी किया जा रहा है। इनमें से एक आरोपित दिनेश यादव इसी क्षेत्र में दंगे के दौरान घर जलाने के दूसरे मामले में बीते वर्ष छह दिसंबर को दोषी ठहराया जा चुका है।
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान पिछले वर्ष फरवरी में उत्तर पूर्वी दिल्ली में दंगे हुए थे। 26 फरवरी 2020 को गोकलपुरी इलाके के भागीरथी विहार सी-ब्लाक मुख्य नाला रोड पर अफजाल सैफी के घर पर दंगाइयों ने हमला कर दिया था। लूटपाट करने के बाद घर जलाकर दंगाई फरार हो गए। इसी दिन डी-ब्लाक में शोएब की दुकान में दंगाइयों ने चोरी की थी। दोनों शिकायतों को जोड़ कर एक मुकदमा दर्ज किया गया था। इसमें आरोपित दिनेश यादव उर्फ माइकल, साहिल उर्फ बाबू, संदीप उर्फ मोगली और टिंकू को गिरफ्तार किया गया था। सभी न्यायिक हिरासत चल रहे थे।
बीते साल तीन अगस्त को कोर्ट ने चारों के खिलाफ गैर कानूनी समूह बनाने, उपद्रव करने, घातक हथियारों का उपयोग करने, साजिश रचने, आगजनी व चोरी करने के आरोप तय किए थे। कोर्ट ने इन्हें विभिन्न समुदायों के बीच शत्रुता पैदा करने का आरोपित नहीं माना था। चारों ने खुद को बेकसूर बताते हुए ट्रायल की मांग की थी। इस पर दोनों पक्षों की तरफ से साक्ष्य पेश किए गए। शुक्रवार को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र भट्ट के कोर्ट ने इस मामले में चारों आरोपितों को बरी कर दिया।

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