नाहिद हसन की उम्मीदवारी पर घिरे अखिलेश यादव, सुप्रीम कोर्ट से सपा की मान्यता खत्म करने की मांग
गैंगस्टर नाहिद हसन को टिकट देने पर सवाल
याचिका में कहा गया है कि 13 जनवरी को समाजवादी पार्टी ने कुख्यात गैंगस्टर नाहिद हसन को कैराना से मैदान में उतारा गया है, लेकिन शीर्ष अदालत के निर्देश के अनुसार 48 घंटे के भीतर न तो उसके आपराधिक रिकॉर्ड को इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट और सोशल मीडिया में प्रकाशित किया और न ही उसके चयन का कारण बताया गया। याचिका में शीर्ष अदालत के निर्देशों का उल्लंघन करने वाले राजनीतिक दल का पंजीकरण रद्द करने के लिए चुनाव आयोग को निर्देश देने की मांग की गई है।
पार्टी अध्यक्ष पर अवमानना का मामला हो दर्ज
अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय द्वारा दायर याचिका में चुनाव आयोग से यह सुनिश्चित करने का भी आग्रह किया गया कि प्रत्येक राजनीतिक दल 48 घंटे के भीतर इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट और सोशल मीडिया में आपराधिक मामलों को प्रकाशित करे और जिसकी पार्टी शीर्ष अदालत के निर्देशों का उल्लंघन करती है उसके अध्यक्ष के खिलाफ अवमानना का मामला दर्ज किया जाए। हसन पर करीब 11 महीने पहले लगाए गए गैंगस्टर एक्ट के तहत हिरासत में है और वह उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण में नामांकन दाखिल करने वाले पहले उम्मीदवार हैं। 13 फरवरी 2021 को कैराना से दो बार विधायक रहे नाहिद हसन पर शामली पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट लगा दिया था। उसपर कई आपराधिक मामले हैं।
नाहिद पर धोखाधड़ी और जबरन वसूली सहित कई आपराधिक मामले
याचिका में कहा गया है कि नाहिद पर धोखाधड़ी और जबरन वसूली सहित कई आपराधिक मामले हैं और विशेष विधायक-एमपी कोर्ट ने उन्हें भगोड़ा घोषित किया था। याचिका में कहा गया है कि मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल भी खूंखार अपराधियों को टिकट दे रहे हैं, और इसलिए मतदाताओं को अपना वोट स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से डालना मुश्किल लगता है। हालांकि नाहिद हसन को यूपी पुलिस की ओर से गिरफ्तार किए जाने के बाद समाजवादी पार्टी उनका टिकट भी काट चुकी है। विरोध के बाद सपा ने नाहिद हसन की बहन को टिकट दिया है।
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