सहरसा NOI: विगत कई वर्षों से कई समितियों द्वारा चावल की हेराफेरी की जा रही है। बावजूद इससे प्रशासन सबक नहीं ले रहा है। हर वर्ष गोदाम के अभाव में चावल जमा करने में अफरा तफरी मच जाती है। इस वर्ष भी जहां जिला प्रशासन चावल जमा करने के लिए समितियों पर दबाव बढ़ा रहा है, वहीं एसएफसी ने चावल जमा करने के लिए गोदाम का प्रबंध नहीं किया है। वर्तमान में विभिन्न समितियों द्वारा 33750 एमटी चावल जमा करने के लिए आग्रह तो किया गया है, परंतु एसएफसी स्वीकृति आदेश देने में असमर्थ साबित हो रहा है। ऐसे में समितियों को समय पर चावल की राशि नहीं मिल पा रही है, और किसानों का भुगतान भी लटक रहा है। धान बेचकर भुगतान के लिए किसानों का दबाव भी समितियों पर बढ़ रहा है।

अबतक 322 लाट चावल किया जा सका है जमा

जिले में पांच हजार एमटी लक्ष्य के विरूद्ध अबतक 7206 किसानों से 37049 एमटी धान की खरीद की गई है। इसके विरूद्ध 322 लाट अर्थात 86940 क्विंटल चावल जमा किया जा सका। विभिन्न समितियों द्वारा 125 लाट यानि 33750 क्विंटल चावल जमा करने के लिए प्रस्ताव दिया गया है, परंतु, एसएफसी से इसके लिए स्वीकृति आदेश नहीं मिल रहा है। पड़री के पैक्स अध्यक्ष हरेंद्र खां कहते हैं कि चावल जमा नहीं होने से भुगतान नहीं हो पा रहा है, जिससे समितियों की चक्रीय प्रणाली प्रभावित हो रही है। बरियाही के पैक्स अध्यक्ष अनिल यादव ने कहा कि पहले चावल जमा करने के लिए दबाव बनाया जाता हैै, और बाद में चावल जमा लेने में आनाकानी किया जाता है। ऐसे में पैक्सों का कार्य प्रभावित होता है।

गोदाम के अभाव में चावल जमा नहीं हो पा रहा है, फिर भी सहरसा जिला चावल जमा में अच्छी स्थिति में है। गोदाम की व्यवस्था की जा रही है। शीघ्र ही शेष समितियों का चावल जमा लिया जाएगा।'


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