चंडीगढ़ NOI:  नर्सेस वेलफेयर एसोसिएशन जीएमसीएच-32 चंडीगढ़ ने प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित से चंडीगढ़ में सेंट्रल सिविल सर्विस रूल्स और सेंट्रल पे स्केल लागू करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ की नर्सेस 1992 की नोटिफिकेशन के कारण पंजाब सिविल सर्विसेज रूल्स एवं पंजाब पे स्केल की वजह कई वर्षों से अनेक समस्याओं से जूझ रही हैं। नर्सेस ने कोरोना काल में कोरोना वॉरियर के रूप में सबसे आगे खड़े होकर अपनी व परिवार की परवाह न किए बिना मरीजों के इलाज जुटी रहीं। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नर्सों के इस योगदान को पहचाना और उन्हें सम्मानित भी किया है। चंडीगढ़ नर्सेस चाहती हैं कि चंडीगढ़ में भी अन्य केंद्र शासित प्रदेशों की तरह भारत सरकार के नियम लागू होने चाहिए। इसी क्रम में नर्सेस वेलफेयर एसोसिएशन जीएमसीएच-32 ने सिग्नेचर कैंपेन भी शुरू किया है।
चंडीगढ़ नर्सेस एसोसिएशन की ओर से चंडीगढ़ प्रशासन के सामने यह मांग रखी गई है। एसोसिएशन ने कहा कि चंडीगढ़ की नर्सेस दूसरे सेंट्रल गवर्नमेंट या यूटी इंस्टीट्यूट्स की तुलना में हर महीने लगभग 30 हजार सैलरी के नुकसान पर काम कर रही हैं और नई ज्वाइनिंग पर नर्सेस को 3 साल तक 29,200 रुपये वेतन देना नाइंसाफी है। जबकि देश के अन्य यूटी हॉस्पिटल एवं सेंट्रल गवर्नमेंट हॉस्पिटल्स में वहीं नर्सेस 80 हजार प्रतिमाह से अधिक की सैलरी ले रही हैं।
वहीं, दूसरी मांग नर्सों के पूरी सर्विस में कोई फाइनेंशियल अपग्रेडेशन नहीं है और रिटायरमेंट तक न के बराबर प्रमोशन मिलती है। नर्सों के लिए केंद्र द्वारा विशेष रूप से दिए जाने वाले एलाउंसेस, पंजाब रूल्स के कारण चंडीगढ़ की नर्सों को नहीं मिल रहे हैं। रिटायरमेंट की उम्र भी बिना किसी एक्सटेंशन्स के 60 साल से घटाकर 58 साल कर दी गई है। वहीं, 15 दिन से कम के लिए कोई मेडिकल लीव नहीं दी जाती।

0 Comments

Leave A Comment

Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).

Get Newsletter

Advertisement