लखनऊ, NOI : सावधि जमा (एफडी) के आटो रीन्यूवल को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) की ओर दो जुलाई को जारी सर्कुलर पर केंद्रीय बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय ने चुप्पी तोड़ी है। आरबीआइ ने स्पष्ट किया कि अगर एफडी धारक बैंक जाने से परहेज रखना चाहते हैं तो एफडी कराने के दौरान ही आटो रीन्यूवल (स्वत: नवीनीकरण) का विकल्प अवश्य चुने। यह विकल्प न चुनने की स्थिति में मियाद पूरी होते ही एफडी पर बचत खाते पर मिलने वाला ब्याज ही मिलेगा। इसके साथ ही आरबीआइ ने स्पष्ट किया है कि किसी भी बैंक का बोर्ड इस संबंध में निर्णय ले सकता है, जिस पर आरबीआइ को आपत्ति नहीं होगी।

आरबीआइ ने कोरोना काल में दो जुलाई को सर्कुलर जारी कर लाखों बैंक ग्राहकों को झटका दे दिया था। एफडी के आटो रीन्यूवल को रोक दिया गया था, इसके साथ ही समय पूरा होने के बाद एफडी पर साधारण बचत खाते के बराबर ब्याज देने का आदेश बैंकों को दिया गया। इस फैसले से बुजुर्गों को खासा नुकसान हुआ, क्योंकि वे अपनी सामाजिक सुरक्षा के नाते बड़ी रकम की एफडी कराते हैं, उससे मिलने वाली रकम का इस्तेमाल अपने इलाज समेत दूसरे कामों में करते हैं।

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