नई दिल्ली, NOI : कर्मचारी राज्य बीमा योजना (ESI Scheme) एक बहुआयामी सामाजिक सुरक्षा योजना है, जिसे संगठित क्षेत्र में 'कर्मचारियों' को सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। ESI योजना एक वैधानिक कॉर्पोरेट निकाय द्वारा प्रशासित है, जिसे कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) कहा जाता है। यह कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों को चिकित्सा देखभाल प्रदान करता है।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, नवंबर 2021 में लगभग 10.28 लाख नए सदस्य ESIC द्वारा संचालित सामाजिक सुरक्षा योजना में शामिल हुए थे जबकि इससे पिछले महीने (अक्टूबर) में 12.39 लाख सदस्य जुड़े थे। कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) में सकल नए नामांकन अप्रैल में 10.78 लाख, मई में 8.91 लाख, जून में 10.68 लाख, जुलाई में 13.42 लाख, अगस्त में 13.47 लाख और सितंबर 2021 में 13.57 लाख थे।

ESI के लिए कौन पात्र है?

ESIC की वेबसाइट के अनुसार 1 जनवरी 2017 से एक कर्मचारी के कवरेज के लिए मासिक वेतन सीमा 21,000 रुपये प्रति महीना है। पात्र कर्मचारियों को ESIC में नामांकित करना नियोक्ता की जिम्मेदारी होती है। इसके लिए योगदान उनके वेतन के एक निश्चित अनुपात के रूप में श्रमिकों की कमाई की क्षमता पर आधारित होते हैं। लेकिन, सभी को बिना भेदभाव के व्यक्तिगत जरूरतों के आधार पर सामाजिक सुरक्षा लाभ दिए जाते हैं।

ESI योजना के लाभ

चिकित्सा- बीमाकृत व्यक्ति और उसके परिजनों को बीमा योग्य रोजगार में आने के दिन से पूर्ण चिकित्सा देखरेख प्रदान की जाती है। एक बीमाकृत व्यक्ति और उसके परिजनों के उपचार पर व्यय की कोई अधिकतम सीमा नहीं है। सेवा निवृत्त और स्थायी अपंग बीमाकृत व्यक्तियों और उसके पति/पत्नी को रुपये 120/- के सांकेतिक वार्षिक प्रीमियम पर चिकित्सा देखरेख प्रदान की जाती है।

बीमारी- बीमारी हितलाभ बीमाकृत कामगार को प्रमाणित बीमारी अवधि के दौरान एक वर्ष में अधिकतम 91 दिनों के लिए उसकी मजदूरी के 70 प्रतिशत की दर से नकद प्रतिपूर्ति के रूप में देय होता है। बीमारी हितलाभ की पात्रता के लिए बीमाकृत कामगार से अपेक्षा की जाती है कि 6 महीनों की अंशदान अवधि में 78 दिनों के लिए अंशदान दें।

मातृत्व हितलाभ- पूर्ववर्ती वर्ष में 70 दिनों के अंशदान देने की शर्त के अधीन प्रसूति/गर्भावस्था के लिए पूर्ण मजदूरी दर पर छब्बीस सप्ताह के लिए मातृत्व हितलाभ अदा किया जाता है, जिसे चिकित्सा परामर्श पर एक ओर महीने के लिए बढ़ाया जा सकता है।

इनके अलावा अपंगता (अस्थायी अपंगता और स्थायी अपंगता) सहित आश्रितजन के मामले में भी योजना लाभकारी है। इतना ही नहीं, अंत्येष्टि व्यय और प्रसूति व्यय का भी प्रावधान है।

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