गोरखपुर, NOI : इस बार ठंड के साथ-साथ बारिश ने भी कई कीर्तिमान गढ़े। सिर्फ फरवरी में अब तक 36 मिलीमीटर वर्षा हो चुकी है। फरवरी में जितनी बारिश हुई उतनी पिछले 15 वर्षों में नहीं हुई। बीती जनवरी में भी जमकर बारिश हुई है। बुधवार को मौसम पूरी तरह से साफ दिखा तो किसानों ने भी राहत की सांस ली। बीते तीन व चार फरवरी को हुई बारिश से जिले में करीब तीन हजार हेक्टेयर गेहूं, सरसों व आलू की फसल बर्बाद हो चुकी है।

716 हेक्टेयर सरसों व 471 हेक्टेयर आलू का हो चुका नुकसान

बारिश की चपेट में आने वाली गेहूं की फसल का क्षेत्रफल 1904 हेक्टेयर सर्वाधिक है, लेकिन गेहूं के कुल क्षेत्रफल से इसकी तुलना करेंगे तो यह सिर्फ 5.05 प्रतिशत ही आएगा। मौसम आगे यदि साफ रहा तो इस नुकसान का भी अनुपात कम होगा और किसानों को गेहूं की बेहतर पैदावार मिलेगी। ऐसे में विभाग सरसों व आलू की क्षति को बड़ा नुकसान मानता है। उसका मानना है कि बारिश से सरसों व आलू की जो क्षति हुई है, उसकी भारपाई नहीं संभव है।

कृषि विभाग ने जिला प्रशासन व आपदा विभाग को बारिश से हुई क्षति की रिपोर्ट भेजी है। कृषि विभाग की भेजी रिपोर्ट में जिले में 716 हेक्टेयर सरसों की फसल बेमौसम बारिश की भेंट चढ़ी है। यह सरसों के कुल क्षेत्रफल का 10.94 प्रतिशत है। ऐसे ही 471 हेक्टेयर आलू की फसल नुकसान हुई है। यह आलू के कुल क्षेत्रफल का 8.73 प्रतिशत है। सरसों व आलू की फसल लगभग तैयार हो चुकी है। सरसों में फूल पूरी तरह से आ चुके हैं। फलियां लग रही हैं। ऐसे में बारिश व ओलावृष्टि से सरसों व आलू की फसल में सुधार संभव नहीं है। कृषि विभाग अपनी रिपोर्ट तैयार करके फसल बीमा कंपनी को भी सूचित कर दिया है। ताकि वह भी रिपोर्ट का आंकलन करके किसानों को उचित मुआवजा दिलवाए।

इन विकास खंडों में आलू को हुआ भारी नुकसान

विकाखंड नुकसान का क्षेत्रफल प्रतिशत

ब्रह्मपुर- 150 15

खजनी- 110 24

पाली- 110 22

चरगांवा- 25 12

कैंपियरगंज- 10 10

इन विकास खंडों में सरसों को हुआ भारी नुकसान

विकाखंड नुकसान का क्षेत्रफल प्रतिशत

ब्रह्मपुर- 155 18

खजनी- 176 25

पाली- 146 18

सरदारनगर- 53 7

पिपरौली- 43 15

क्षेत्रफल हेक्टेयर में है।

जिले के किसी भी विकासखंड में 30 प्रतिशत से अधिक का नुकसान नहीं हुआ है। औसत क्षति बहुत कम है, लेकिन छोटे किसानों के लिए छोटी क्षति भी बड़ी है। सभी का सर्वे कराकर रिपोर्ट जिला प्रशासन भेज दी गई है। बीमा कंपनी को भी सूचित कर दिया गया है। ताकि वह उसका आंकलन कराकर बीमित किसानों के नुकसान के लिए अपनी रिपोर्ट तैयार करा सके। - संजय सिंह, उप कृषि निदेशक।

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