नई दिल्ली, NOI : हिजाब विवाद को लेकर आज फिर कर्नाटक हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। इससे पहले गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान छात्राओं के वकील ने अपनी दलीलें पेश की। वकील ने हाईकोर्ट से शुक्रवार के दिन हिजाब पहनने की अनुमति देने की अपील की है। हिजाब पहनकर स्कूल जाने पर अड़ी छात्राओं के वकील ने कहा कि विनोद कुलकर्णी ने कहा कि हिजाब मुद्दे ने पूरे देश में बड़े पैमाने पर उन्माद और मानसिक अशांति पैदा की है।

वकील ने पक्ष रखते हुए आगे कहा कि गरीब मुस्लिम लड़कियों को कक्षा से बाहर भेजना संविधान की प्रस्तावना के खिलाफ है। उन्हें कम से कम शुक्रवार को और रमजान के हिजाब पहनकर आने की अनुमति दी जाए। उन्होंने कहा, कुरान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। हिजाब सार्वजनिक व्यवस्था के खिलाफ नहीं है।

राज्य सरकार ने रखा पक्ष

वहीं, गुरुवार को सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से पेश महाधिवक्ता प्रभुलिंग नवादगी ने पक्ष रखा। उन्होंने याचिकाकर्ता की वकील की मांग का विरोध जताया है। आज होने वाली सुनवाई के दौरान नवादगी अपनी दलीलें पेश करेंगे।

कैसे शुरू हुआ विवाद?

कर्नाटक में हिजाब का विरोध जनवरी में शुरू हुआ। दरअसल, उडुपी जिले के सरकारी गर्ल्स पीयू कालेज की कुछ छात्राओं ने आरोप लगाया कि उन्हें कक्षाओं में जाने से रोक दिया गया है। विरोध के दौरान कुछ छात्रों ने दावा किया कि उन्हें हिजाब पहनने के लिए कालेज में प्रवेश से वंचित कर दिया गया था। इस घटना के बाद विजयपुरा स्थित शांतेश्वर एजुकेशन ट्रस्ट में विभिन्न कालेजों के छात्र भगवा स्टोल पहनकर पहुंचे।

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