कोलकाता, NOI : एक और सीरीज, एक और क्लीन स्वीप। रविवार को ईडन गार्डन्स स्टेडियम में तीसरे व आखिरी टी-20 मुकाबले में भारत ने वेस्टइंडीज को 17 रनों से हराकर वनडे के बाद टी-20 सीरीज में भी उसका 3-0 से सूपड़ा साफ कर दिया। भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 20 ओवर में पांच विकेट पर 184 रन बनाए, जिसके जवाब में वेस्टइंडीज इतने ओवर में नौ विकेट पर 167 रन ही बना पाई।

निकोलस पूरन ने 61 रनों की एक और शानदार पारी खेलकर सीरीज में लगातार तीसरा अर्धशतक जमाया, लेकिन इस बार भी वह अपनी टीम को हार से नहीं बचा पाए। भारत ने पहले मैच में वेस्टइंडीज को छह विकेट और दूसरे में आठ रन से हराया था। बतौर फुलटाइम कप्तान रोहित शर्मा की यह तीसरी सीरीज जीत के साथ-साथ क्लीन स्वीप की हैट्रिक भी है।

रोहित की कप्तानी में भारत ने सबसे पहले न्यूजीलैंड को घरेलू टी-20 सीरीज में 3-0 से हराया था, उसके बाद भारत दौरे पर आई विंडीज टीम को वनडे सीरीज में 3-0 से मात दी और अब टी-20 सीरीज में भी 3-0 से उसका सूपड़ा साफ कर दिया। यह जीत यह बयां करने को काफी है कि इसी साल आस्ट्रेलिया में होने वाले अगले टी-20 विश्व कप के लिए टीम इंडिया की तैयारी सही दिशा में चल रही है।

सूर्यकुमार-वेंकटेश ने दूर की मध्यक्रम की चिंता : भारत के लिए इस टी-20 सीरीज में क्लीन स्वीप के बाद सबसे सकारात्मक पहलू मध्यक्रम में सूर्यकुमार यादव व वेंकटेश अय्यर की शानदार बल्लेबाजी रही। सूर्यकुमार व वेंकटेश ने भारत की मध्यक्रम की बल्लेबाजी की चिंता काफी हद तक दूर कर दी है। दोनों ने इस सीरीज में जिस तरह से प्रदर्शन किया है, उससे भारत को सूर्यकुमार के रूप में उम्दा मैच फिनिशर और वेंकटेश के रूप में विशुद्ध आलराउंडर मिल गया है।

आखिरी मैच में सूर्यकुमार ने 31 गेंदों पर ताबड़तोड़ 65 रन बनाए, जिसमें सात छक्के और एक चौका शामिल रहा। वहीं वेंकटेश अय्यर ने एक और शानदार कैमियो खेलते हुए नाबाद 35 रन बनाए। दोनों ऐसे वक्त बल्लेबाजी करने आए थे, जब भारतीय पारी लड़खड़ाने लगी थी। वेंकटेश ने शानदार बल्लेबाजी के बाद गेंदबाजी में भी जौहर दिखाते हुए दो विकेट भी चटकाए।

जैसे-जैसे मिले मौके, वैसे-वैसे किए प्रयोग : इस सीरीज में टीम इंडिया के कोच राहुल द्रविड़ व कप्तान रोहित शर्मा ने जैसे-जैसे मौके मिले, वैसे-वैसे प्रयोग किए। इसमें कुछ सफल रहे तो कुछ विफल। इशान किशन को इस सीरीज में बतौर सलामी बल्लेबाज भरपूर मौका दिया गया, लेकिन वह कुछ खास नहीं कर पाए। आखिरी मैच में रितुराज गायकवाड़ को रोहित ने अपनी जगह सलामी बल्लेबाज के तौर पर आजमाया।

रितुराज इस अवसर को भुना नहीं पाए, लेकिन निश्चित रूप से एक मैच में विफलता से उन्हें नजरअंदाज नहीं किया जाएगा। श्रीलंका के खिलाफ अगले चार दिनों में शुरू होने वाली टी-20 सीरीज में उन्हें मौके दिए जा सकते हैं। श्रेयस अय्यर भी आखिरी मैच में मिले मौके का फायदा नहीं उठा पाए। सूर्यकुमार व वेंकटेश के शानदार प्रदर्शन के बाद टी-20 में अपनी जगह पक्की करने के लिए अभी उन्हें मेहनत करनी पड़ेगी।

तेज गेंदबाजों को भी परखा : रोहित ने आखिरी मैच में बेंच पर बैठे तेज गेंदबाजों को भी आजमाया। उन्होंने आवेश खान का अंतत: अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण कराया और शार्दुल ठाकुर को भी मौका दिया। आवेश खान अपने पहले अंतरराष्ट्रीय मैच में कमाल नहीं कर पाए, लेकिन शार्दुल ने मिले मौके का भरपूर फायदा उठाते हुए दो विकेट चटकाए। कोच-कप्तान ने इसके साथ ही स्पिनर रवि बिश्नोई और तेज गेंदबाज दीपक चाहर व हर्षल पटेल को लगातार मौके देकर उनका आत्मविश्वास बढ़ाया। हर्षल ने आखिरी मैच में तीन विकेट लिए, जबकि पूरी सीरीज में उन्होंने पांच विकेट लिए। वहीं चाहर व बिश्नोई ने सीरीज में तीन-तीन विकेट चटकाए।

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