श्रीनगर, NOI : बर्फीला रेगिस्तान कहे जाने वाला लद्दाख मेंं आज सुबह भूकंप के तीव्र झटके महसूस किए गए। इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.3 मापी गई। हालांकि लद्दाख प्रशासन से अभी तक मिली जानकारी के अनुसार भूकंप की वजह से किसी तरह के जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं है। इसका केंद्र लद्दाख के जिला कारगिल से करीब 151 किलोमीटर दूर धरती के 10 किलोमीटर नीचे था।

लोगों का कहना है कि सुबह 8.35 मिनट पर जब भूकंप आया तब लोगों में दहशत का माहौल व्याप्त हो गया और लोग अपने घरों से निकलकर खुले मैदान में आ गए। पिछले कुछ महीनों की बात करें तो जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में भूकंप के आने का सिलसिला लगातारी है। विशेषज्ञों की मानें तो इस तरह बार-बार भूकंप का आना सही नहीं है। यह खतरे का सबब बन सकता है। पिछले एक महीने की ही बात करें तो जम्मू-कश्मीर व लद्दाख में छह से अधिक बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं और इनकी तीव्रता 3 से 4 के बीच मापी गई है। भूवैज्ञानिकों की मानें तो बार-बार भूकंप के आने से बड़े भूकंपों का खतरा बढ़ जाता है।

आपको बता दें कि इससे पहले जम्मू संभाग के जिला डोडा व वैष्णो देवी आधार शिविर कटड़ा में 17 फरवरी को भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। इसकी तीव्रता 3.5 मापी गई। उससे पहले 16 फरवरी को केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख व जम्मू-कश्मीर में एक साथ भूकंप आया। लद्दाख में इसकी तीव्रता 4.0 जबकि जम्मू-कश्मीर में इसकी तीव्रता 3.2 मापी गई। इसी तरह 10 फरवरी को जम्मू कश्मीर में आए भूकंप की तीव्रता 3.8, 29 जनवरी को लद्दाख में आए भूकंप की तीव्रता 3.3 जबकि 22 जनवरी को जिला डोडा में आए भूकंप की तीव्रता 4.0 मापी गई थी

विशेषज्ञों का कहना है कि हिमाचली क्षेत्र होने की वजह से ही यह इलाके भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील है।

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