नई दिल्ली, NOI : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को आरोप लगाया कि सरकार को इस बात की जानकारी नहीं है कि चीन को कैसे संभालना है और कहा कि चीन की हरकतों की अनदेखी करने से बाद में समस्या पैदा होगी। उन्होंने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला दिया जिसमें दावा किया गया था कि पूर्वी लद्दाख के डेमचोक में, चीन के तंबू अभी भी भारतीय हिस्से में हैं और दोनों देशों के कोर कमांडरों के बीच बातचीत के लिए अभी कोई तारीख तय नहीं हो सकी है।

राहुल गांधी ने ट्वीट किया, 'केंद्र सरकार को समझ नहीं आ रहा कि चीन से कैसे निपटा जाए। आज उनकी हरकतों को नजरअंदाज करने से भविष्य में बड़ी मुश्किलें पैदा होंगी।' बता दें कि भारत और चीन के बीच पिछले साल मई में पूर्वी लद्दाख में पैदा हुए तनाव के बाद से रिश्ते सही नहीं हो सके हैं। तनावपूर्ण समय में दोनों देश डी-एस्केलेशन और सेना वापसी के लिए बातचीत कर रहे हैं।

कांग्रेस महासचिव और मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भी इस मामले को लेकर प्रधानमंत्री पर निशाना साधा है। बता दें कि हाल ही में दलाई लामा का जन्मदिन था, जिस दौरान केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को लेकर बुरी नीयत रखने वाले चीन ने लेह के देमचाेक में घुसपैठ कर धर्मगुरु दलाई लामा के तिब्बत की आजादी संबंधी गतिविधियों पर रोक लगाने की गीदड़भभकी दी। पूर्वी लद्दाख में गलवन में मुंह की खाने वाला चीन क्षेत्र में भारतीय सेना के मजबूत होने व तिब्बत के लोगों के संघर्ष से सुलग रहा है।

वहीं, चीन की आक्रामक गतिविधियों के कारण अपने पड़ोसियों के लिए खतरा बना हुआ है। वह अभी भी बाज नहीं आ रहा है। पिछले साल से लद्दाख में भारत के साथ सैन्य गतिरोध में लगी चीनी सेना ने उत्तराखंड के बाड़ाहोती क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ अपनी गतिविधियों को बढ़ा दिया है। हाल में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की एक प्लाटून को वहां सक्रिय देखा गया था।

इसके अलावा चीन से मुकाबले के लिए लद्दाख मोर्चे पर भारतीय सेना ने आतंकवाद निरोधी इकाई भी तैनात कर दी है। बताया गया कि चीन द्वारा आक्रामकता दिखाने के किसी भी संभावित प्रयास से निपटने के लिए डिवीजन आकार के गठन (लगभग 15,000 सैनिक) को आतंकवाद विरोधी अभियानों से लद्दाख क्षेत्र में ले जाया गया।

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