रोहतक, NOI : हत्या और दुष्कर्म के मामले में सजा काट रहा डेरा प्रमुख गुरमीत 21 दिन की फरलो के बाद सोमवार काे फिर से सलाखों के पीछे पहुंच गया। गुरमीत को सात फरवरी को फरलो दी गई थी, जिसके बाद से वह गुरुग्राम में रह रहा था। इस दौरान डेरा प्रमुख की जान को खतरा देखते हुए सरकार की तरफ से उसे जेड श्रेणी की सुरक्षा दी गई थी। डेरा प्रमुख की फरलो की अवधि रविवार को पूरी हो गई थी। ऐसे में यह भी माना जा रहा था कि वह रविवार शाम तक जेल में आ सकता है।

इसीलिए पुलिस की तरफ से सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए गए थे, लेकिन बाद में पता चला कि सोमवार दोपहर 12 बजे से पहले डेरा प्रमुख को सुनारिया जेल पहुंचना है। सुबह से ही जेल के मुख्य रास्ते से लेकर अन्य स्थानों पर कड़ी सुरक्षा कर दी गई थी। 11:50 बजे कड़ी सुरक्षा के बीच डेरा प्रमुख का काफिला सुनारिया जेल पहुंचा। काफिले में करीब आठ से अधिक लग्जरी गाड़ियां थी, जिनके आगे और पुलिस की पायलट चल रही थी। वहीं राम रहीम 21 दिन के दौरान सिरसा डेरे में नहीं पहुंच सका, जबकि उसके अनुयायी उसका बेसब्री से इंतजार कर रहे थे।

नहीं होने दी गई किसी अन्य कैदी या बंदी से मुलाकात

डेरा प्रमुख की सुरक्षा को देखते हुए कड़े बंदोबस्त किए गए थे। आइआइएम पुलिस चौकी से लेकर जेल परिसर तक पांच जगह नाकाबंदी की गई थी। इसी दौरान अन्य कैदियों और बंदियों से मिलने आए लोगों को भी वापस भेज दिया गया। सुबह 10 बजे के बाद किसी भी मुलाकाती को जेल के अंदर नहीं जाने दिया गया। अधिकतर को वापस भेजा जा रहा था या फिर जेल नियम के अनुसार दोपहर बाद का समय दिया जा रहा था। इससे उन्हें भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

वर्ष 2017 से है बंद

डेरा प्रमुख को सीबीआई कोर्ट ने दो साध्यवियों से दुष्कर्म के मामले में 2017 में सजा सुनाई थी। उस समय पंचकूला में हिंसा होने के बाद डेरा प्रमुख को सड़क के रास्ते लाने की बजाय हेलीकाप्टर से सुनारिया जेल लाया गया था। वह तभी से यहीं पर बंद है। इसके बाद पत्रकार व डेरा प्रबंधक की हत्या के मामले में भी सजा सुनाई गई थी। डेरा प्रमुख कई बार पैरोल की भी मांग कर चुका था। इस बार 21 दिन की फरलो के माध्यम से वह पहली बार इतने दिन जेल से बाहर रहा।

0 Comments

Leave A Comment

Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).

Get Newsletter

Advertisement