Salute to India: जब भारत ने 63 दिनों में 488 नान स्टाप फ्लाइट्स के जरिए 1.70 लाख लोगों को किया था एयरलिफ्ट, गिनीज बुक में दर्ज है ये घटना
ये वो वक्त था जब इराक ने कुवैत पर हमला कर दिया था और वहां पर रहने वाले भारतीय अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भाग रहे थे। हर तरफ दहशत का माहौल था। हर कोई किसी भी सूरत में वहां से वापस अपने देश आना चाहता था। भारत के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी कि अपने लोगों को वहां से कैसे वापस लाया जाए। इराक कुवैत पर ताबड़तोड़ हमले कर रहा था। हर तरफ इराकी लड़ाके पहुंचे हुए थे।
उस वक्त भारतीयों को सकुशल निकालने में जिन लोगों ने अहम भूमिका निभाई थी उसमें केरल के मथूनी मैथ्यूश् हरभजन सिंह बेदी, अबे वेरिकाड, वीके वैरियर और अली हुसैन का नाम प्रमुख है। इन सभी ने वहां कुवैत में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए जी-जान एक कर दी थी। इन्होंने लगातार भारत सरकार से संपर्क बनाए रखा और केंद्र से मिले निर्देश पर काम करते रहे। बसों और गाडि़यों के जरिए पहले इन लोगों को अम्मान ले जाया गया था।
भारत के सामने समस्या थी अमेरिका के आपरेशन डेजर्ट स्ट्राम से पहले इन सभी को वहां से निकालना था। भारत ने पहले वहां फंसे 1.70 लाख लोगों को निकालने के लिए सैन्य विमान भेजने का विचार किया था। लेकिन इसकी इजाजत न तो यूएन से मिली और न ही कुवैत ने दी। इसके बाद में भारत सरकार ने एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइंस की मदद से जार्डन के अम्मान के रास्ते इन सभी लोगों को एयरलिफ्ट किया।
8 अगस्त को एयर इंडिया ने इन भारतीयों को लाने के लिए पहली उ़ड़ान भरी थी। इसके बाद लगातार 488 फ्लाइट् के जरिए इन लोगों को वहां से निकाला गया था। वहां से एयरलिफ्ट किए लोगों को लेकर आखिरी फ्लाइट 20 अक्टूबर 1990 को भारत आई थी। 63 दिनों के अंदर भारत सरकार ने 1 लाख 70 हजार लोगों को वहां से सुरक्षित बाहर निकाला था। भारत का किया गया ये आपरेशन आज तक के इतिहास में सबसे बड़ा एयरलिफ्ट आपरेशन था। इस आपरेशन को गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में शामिल किया गया है। इस घटना ऊपर वर्ष 2016 में एयरलिफ्ट नाम से एक फिल्म भी बनी थी, जिसमें अक्षय कुमार ने मुख्य किरदार निभाया था।
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