Rajasthan: कांग्रेस लोकसभा और विधानसभा चुनाव घोषणा पत्र में करेगी पुरानी पेंशन योजना का वादा
विचार कई राज्यों ने किया, लेकिन अमल राजस्थान में हुआ
सीएम गहलोत ने कहा राजस्थान माडल पर पूरे देश में नई पेंशन स्कीम की जगह पुरानी योजना लागू करने की मांग दोहराई है। उन्होंने कहा कि हम लोगों ने सोच समझकर पुरानी पेंशन योजना लागू करने का निर्णय लिया है। अगर कोई कर्मचारी बुढ़ापे के लिए सुरक्षित नहीं होगा तो सरकारी कामकाज में पूरे मन से सहयोग नहीं करेगा । गहलोत ने कहा कि केरल,आंध्रप्रदेश और हिमाचल प्रदेश में पेंशन योजना पर पुनर्विचार करने को लेकर कमेटी बनाई गई है। लेकिन अमल राजस्थान सरकार ने किया है।
दोनों पेंशन योजना में यह है अंतर
साल, 2004 में तत्कालीन केन्द्र सरकार ने पुरानी पेंशन योजना बन्द कर नई पेंशन योजना लागू की थी। पुरानी पेंशन योजना में कर्मचारी में कोई अंशदान देने की जरूरत नहीं है। पेंशन की गारन्टी सरकार की है। कर्मचारी को सेवानिवृति पर अन्तिम वेतन का 50 फीसदी पेंशन के रूप में मिलेगा। महंगाई भत्ता देने का प्रावधान है। वहीं नई पेंशन योजना में कर्मचारी को वेतन का 10 फीसदी मासिक अंशदान देने का प्रावधन किया गया था। पेंशन के लिए अन्तिम वेतन से कोई सम्बन्ध नहीं रखा गया। नई पेंशन योजना में महंगाई भत्ते का प्रावधान नहीं किया गया था। राजस्थान में पुरानी पेंशन योजना लागू होने से करीब साढ़े पांच लाख कर्मचारी लाभान्वित होंगे।
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