जयपुर, NOI : कांग्रेस शासित राज्यों में पुरानी पेंशन योजना लागू की जाएगी। वहीं आगामी लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पुरानी पेशन योजना लागू करने का वादा करेगी। कांग्रेस ने तय किया है कि वर्तमान में पार्टी शासित राज्यों में पुरानी पेंशन योजना लागू करने के साथ ही गैर कांग्रेसी राज्य सरकारों पर इसे लागू करने का दबाव बनाएगी। वहीं जिन राज्यों में आगामी समय में विधानसभा और लोकसभा चुनाव होने हैं, वहां कांग्रेस घोषणा-पत्र में पुरानी पेंशन देने का वादा करेगी। पुरानी पेंशन योजना देशभर में लागू करने को लेकर कांग्रेस केन्द्र पर भी दबाव बनाएगी।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ पिछले दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा की दिल्ली में हुई बैठक में पेंशन योजना को लेकर रणनीति बनाई गई। डोटासरा का कहना है कि कांग्रेस देश के सभी राज्यों में अपने चुनाव घोषणा-पत्र में पुरानी पेंशन योजना लागू करने का वादा करेगी और सत्ता में आने पर इस वादे पर अमल भी किया जाएगा। पांच राज्यों का चुनाव परिणाम आने के बाद देशभर में कांग्रेस कर्मचारियों के हित में मुहिम प्रारम्भ करेगी। कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, पार्टी के वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता कर्मचारियों के बीच जाकर केन्द्र की एनडीए सरकार पर फिर से पुरानी पेंशन योजना लागू करने का दबाव बनाने के लिए समझाएंगे करेंगे।

विचार कई राज्यों ने किया, लेकिन अमल राजस्थान में हुआ

सीएम गहलोत ने कहा राजस्थान माडल पर पूरे देश में नई पेंशन स्कीम की जगह पुरानी योजना लागू करने की मांग दोहराई है। उन्होंने कहा कि हम लोगों ने सोच समझकर पुरानी पेंशन योजना लागू करने का निर्णय लिया है। अगर कोई कर्मचारी बुढ़ापे के लिए सुरक्षित नहीं होगा तो सरकारी कामकाज में पूरे मन से सहयोग नहीं करेगा । गहलोत ने कहा कि केरल,आंध्रप्रदेश और हिमाचल प्रदेश में पेंशन योजना पर पुनर्विचार करने को लेकर कमेटी बनाई गई है। लेकिन अमल राजस्थान सरकार ने किया है।

दोनों पेंशन योजना में यह है अंतर

साल, 2004 में तत्कालीन केन्द्र सरकार ने पुरानी पेंशन योजना बन्द कर नई पेंशन योजना लागू की थी। पुरानी पेंशन योजना में कर्मचारी में कोई अंशदान देने की जरूरत नहीं है। पेंशन की गारन्टी सरकार की है। कर्मचारी को सेवानिवृति पर अन्तिम वेतन का 50 फीसदी पेंशन के रूप में मिलेगा। महंगाई भत्ता देने का प्रावधान है। वहीं नई पेंशन योजना में कर्मचारी को वेतन का 10 फीसदी मासिक अंशदान देने का प्रावधन किया गया था। पेंशन के लिए अन्तिम वेतन से कोई सम्बन्ध नहीं रखा गया। नई पेंशन योजना में महंगाई भत्ते का प्रावधान नहीं किया गया था। राजस्थान में पुरानी पेंशन योजना लागू होने से करीब साढ़े पांच लाख कर्मचारी लाभान्वित होंगे। 

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