रोहतक, NOI:  रोहतक में वर्ष 1997 में शहर में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के आरोपित अब्दुल करीम टुंडा को वीरवार को कोर्ट में पेश नहीं किया जा सका। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजकुमार यादव की कोर्ट में मामले पर सुनवाई हुई। आरोपित पक्ष के अधिवक्ता विनीत वर्मा ने बताया कि सुनवाई के दौरान राजस्थान की अजमेर जेल से सिपाही कोर्ट में पेश हुआ। उसी जेल में अब्दुल करीम टुंडा बंद है। सिपाही ने कोर्ट में बताया कि अजमेर जेल में वीडियो कांफ्रेंस की सुविधा नहीं है।

रोहतक कोर्ट में चल रहा है मामला, आरोपित करीम टूंडा फिलहाल अजमेर जेल में हैं बंद

फिलहाल रोहतक कोर्ट में लेकर आने के लिए गार्द भी नहीं है। वहीं दिल्ली पुलिस के रिटायर इंस्पेक्टर समेत छह लोगों को कोर्ट में गवाही के लिए पेश होना था। जिसमें चार गवाहों को भेजे गए नोटिस वापस आ गए। गवाहों के पते बदलने के कारण वह रिसीव नहीं हो सके। जबकि इंस्पेक्टर और एक अन्य गवाह भी कोर्ट में पेश नहीं हो सके। ऐसे में कोर्ट ने आगामी सुनवाई के लिए 25 अप्रैल की तारीख दी है। साथ ही अजमेर जेल से आए सिपाही को निर्देश दिए कि मोबाइल पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से अगली तारीख पर करीब टुंडा की पेशी कराई जाए। 

यह था मामला 

दरअसल, वर्ष 1997 में किला रोड समेत कई स्थानों पर सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे। जिसमें कई लोग घायल हो गए थे। उस समय यह मामला सिटी थाने में दर्ज हुआ था। कुछ साल बाद दिल्ली पुलिस की टीम ने एक युवक को पकड़ा था, जिससे पूछताछ में पता चला था कि बम धमाकों में अब्दुल करीम टुंडा का हाथ है। जो उस समय तक पाकिस्तान के कराची में जा चुका था। करीब डेढ़ दशक बाद नेपाल के रास्ते वह भारते में आने की कोशिश कर रहा था, तभी उसे दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। बाद में रोहतक पुलिस ने भी उसे प्रोडक्शन पर लेकर गिरफ्तार किया था। यह मामला तभी से कोर्ट में चल रहा है। फिलहाल वह अजमेर जेल में बंद है। इससे पहले गाजियाबाद की डासना जेल में भी बंद रह चुका है।

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