प्री-बोर्ड परीक्षा में फेल हुए 12वीं के छात्र, झज्जर के गुढ़ा स्कूल के संस्कृत प्राध्यापक और प्रिंसिपल भीड़े
रिज्लट को लेकर स्कूल में विवाद खड़ा हो गया
बोर्ड परीक्षाओं की तैयारियों को लेकर विभाग द्वारा जिले के सभी स्कूलों में प्री बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन किया गया था। इसके तहत राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय गुढ़ा में भी प्री बोर्ड परीक्षाएं हुई। संस्कृत विषय में 12वीं कक्षा के अधिक बच्चे फेल हो गए, जिस कारण प्रिंसिपल ने संस्कृत प्राध्यापक को बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान देने के निर्देश दिए। जिसको लेकर स्कूल में विवाद खड़ा हो गया। जिसके बाद पुलिस ने भी मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी।
रंजिशन बच्चों को फेल किया
गुढ़ा स्कूल के संस्कृत प्राध्यापक डा. रामभगत शास्त्री ने कहा कि शुक्रवार को वह स्कूल गया तो पता चला कि बोर्ड परीक्षाओं में 12वीं कक्षा के काफी विद्यार्थी संस्कृत में फेल हुए हैं। जब बच्चों के पेपर चेक किए तो पता चला कि इन पेपरों को ठीक से चेक नहीं किया गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि स्कूल प्रिंसिपल भी संस्कृत के अध्यापक हैं, इसलिए उन्होंने रंजिशन बच्चों को फेल किया है और उसे नोटिस दे दिया। जब वह परीक्षा प्रभारी के पास अपनी समस्या लेकर गया तो उन्होंने प्रिंसिपल के पास भेज दिया। डा. रामभगत शास्त्री ने आरोप लगाया कि जब वह प्रिंसिपल रूम में गया तो प्रिंसिपल ने उसके साथ बदतमीजी की और जाति सूचक गाली दी। जिस पर वह कक्षा रूम में चला गया, प्रिंसिपल वहां पर भी डंडा लेकर आया और मारपीट करने लगा। स्टाफ सदस्यों ने बीच-बचाव करके छुड़वाया। जिस पर प्रिंसिपल ने जान से मारने की धमकी दी। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रिंसिपल उसके साथ पहले से ही रंजिश रखता है और हर कार्य में बाधा डालता है। कुछ समय पहले उसने अनुभव बनवाना चाहा तो प्रिंसिपल अनुभव बनाने में आनाकानी करने लगे, जब कानूनी कार्रवाई करते हुए नोटिस दिया तो गलत अनुभव प्रमाण पत्र दे दिया। जिसकी उच्चाधिकारियों को शिकायत दी। अब शिकायत वापस लेने के लिए धमकी देता है।
गाली गलोज के उस पर झूठे आरोप लगाए जा रहे
गुढ़ा स्कूल के प्राचार्य डा. नरेश कुमार ने कहा कि प्री बोर्ड परीक्षा में 12वीं कक्षा के विद्यार्थी संस्कृत विषय में फेल हुए तो संस्कृत प्राध्यापक को पढ़ाई पर ध्यान देने के निर्देश दिए थे। ताकि बोर्ड परीक्षाओं से पहले बच्चों की अच्छी तैयारी करवाई जा सके। लेकिन उक्त संस्कृत प्राध्यापक बदतमीजी तक उतारू हो गया। यहां तक की झगड़ा भी करने लगा। वह पहले भी झगड़ा कर चुका है। पहले जब भी किसी काम के लिए कहा जाता है तो आनाकानी करता है, उक्त संस्कृत प्राध्यापक का कहना होता हे कि मैं तुझे प्रिंसिपल तक नहीं मानता। संस्कृत प्राध्यापक की शिकायत उच्च अधिकारियों को दी गई है। वहीं विवाद के बाद एसएमसी व ग्रामीण भी स्कूल में आए थे, जिन्होंने संस्कृत प्राध्यापक के खिलाफ बीईओ से भी मुलाकात की है। संस्कृत प्राध्यापक ने लड़ाई झगड़े व गाली गलोज के उस पर झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं।
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