दिल्ली, NOI :- विपक्षी दलों ने पेट्रोल-डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों के खिलाफ संसद के दोनों सदनों में भारी हंगामा करते हुए सरकार से तत्काल बढ़ी कीमतें वापस लेने की मांग की। साथ ही रसोई गैस सिलेंडर के दाम में बड़ी बढ़ोतरी को भी जनता पर भारी बोझ करार देते हुए पेट्रोलियम उत्पादों के साथ चौतरफा बढ़ती महंगाई को लेकर प्रधानमंत्री से संसद में बयान देने की मांग भी की। महंगाई के मुद्दे पर विपक्ष के आक्रामक तेवरों को देखते हुए सरकार ने अगले हफ्ते लोकसभा में इस पर चर्चा के लिए हामी भर दी है।

सोमवार को लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों में इजाफे के खिलाफ हंगामा शुरू कर दिया। राज्यसभा में सभापति वेंकैया नायडू ने विपक्षी सदस्यों के इस मुद्दे पर दिए कार्यस्थगन प्रस्ताव को नामंजूर करने की घोषणा के साथ ही तुरंत सदन को 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।

सदन स्थगित किए जाने के बाद तृणमूल कांग्रेस नेता डेरेक आब्रोयन ने ट्वीट के जरिए इस पर हैरत जताते हुए कहा कि विपक्ष को संसद में अपनी बात रखने का मौका भी नहीं दिया जा रहा है। लोकसभा में भी प्रश्नकाल में कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी सदस्यों ने कीमतें वापस लेने की मांग करते हुए हंगामा शुरू किया तो स्पीकर ओम बिरला ने अपनी नाराजगी जताते हुए प्रश्नकाल बाधित नहीं करने और शून्यकाल में इसे उठाने के लिए कहा।

हंगामे की वजह से लोकसभा की कार्यवाही संक्षिप्त रूप से बाधित हुई और फिर शून्यकाल में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि रूस से कच्चे तेल के आयात का हिस्सा बमुश्किल आधा फीसद है और हकीकत यह है कि सरकार जनता को लूट अपनी तिजोरी भर रही है। बीते करीब आठ साल में पेट्रोल-डीजल पर टैक्स के जरिए सरकार 26 लाख करोड़ की कमाई कर चुकी है। आलम यह है कि 800 से अधिक आवश्यक दवाओं के दामों में भी बड़ी बढ़ोतरी की जा रही है।

अधीर ने कहा कि इस बेतहाशा मूल्यवृद्धि की वजह से ही कांग्रेस ने 31 मार्च से महंगाई मुक्त भारत अभियान चलाने का फैसला किया है। द्रमुक नेता टीआर बालू ने भी मूल्य वृद्धि पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि हफ्ते भर में ही डीजल-पेट्रोल के दामों में चार रुपए प्रति लीटर से अधिक की वृद्धि हो चुकी है। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान पीएम ने कहा था कि पेट्रोल-डीजल के दामों में 50 फीसद कटौती होगी मगर इस इजाफे पर वे अभी चुप हैं।

तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंधोपाध्याय ने भी डीजल-पेट्रोल और रसोई गैस की मूल्यवृद्धि से जनता की बढ़ रही परेशानी का जिक्र करते हुए कहा कि इस महंगाई पर सदन में बहस कराया जाना चाहिए और प्रधानमंत्री को यह स्पष्ट करना चाहिए कि यह मूल्यवृद्धि आखिर कहां जाकर रुकेगी।

मूल्यवृद्धि पर सदन में बहस की विपक्ष की लगातार मांग को देखते हुए सरकार अगले हफ्ते लोकसभा में महंगाई के मुद्दे पर चर्चा कराएगी। जबकि यूक्रेन-रूस युद्ध से पनपे हालातों को लेकर लोकसभा में बुधवार को चर्चा होगी।

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