पालमपुर,  NOI : Himachal Pradesh Soldier Rakesh Kumar, बैजनाथ उपमंडल की सकड़ी पंचायत के जमरेला गांव निवासी हवलदार राकेश कुमार ने भारतीय सेना में सेना मेडल हासिल कर गांव व क्षेत्र का नाम राेशन किया है। हवलदार राकेश कुमार को बरेली में सेंट्रल कमान के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी ने सम्मानित किया। उन्हें यह सम्मान 30 अगस्त 2020 को चलाए आपरेशन स्नो लेपर्ड के कुशल संचालन के लिए सेना मेडल से प्रदान किया गया है। सेना मेडल मिलने से क्षेत्र व स्नेहजन व स्वजनों में काफी खुशी है। अति दुर्गम एवं सुविधाओं से वंचित गांलमें पले बढ़े हवलदार राकेश कुमार की पृष्टभूमि सैनिक परिवार की है। इनक पिता बलदेव सिंह राणा सेना से सूबेदार के पद पर सेवानिवृत्‍त हुए हैं, जबकि उनके साथ भर्ती हुए ताया कैप्टन हरवंस राणा की सेवानिवृत्ति बताैर कैप्टन हुई है।

दीये के सहारे की है राकेश ने पढ़ाई

29 जून 1980 में बलदेव सिंह राणा व रशमा देवी के घर जन्में हवलदार राकेश कुमार ने जमा-दाे तक शिक्षा हासिल की है। सुविधाओं से वंचित जमरेला गांव में सड़क सुविधा ताे दूर पैदल जाने के लिए बिनवा नदी पर पुल का निर्माण भी ग्रामीणाें ने अपने स्तर पर किया है। बिजली भी उनके गांव में काफी देरी बाद पहुंची थी ताे पढ़ाई के लिए हवलदार राकेश कुमार काे लैंप का सहारा लेना पड़ा था। सड़क व अन्य सुविधाओं के अभाव में उनके पिता बिनवा नदी काे पार करते हुए बाबा काठक में बस गए। लेकिन पैतृक संपत्ति जमरेला में हाेने के कारण अकसर वहां आना जाना लगा रहता है।

पंजाब रेजिमेंट की 16वीं बटालियन में दे रहे सेवाएं

सेना पदक (वीरता पुरस्कार) प्राप्त सेना न. 2494032वाई हवलदार राकेश कुमार वर्तमान में दी पंजाब रेजिमेंट की 16वीं बटालियन में सेवाएं दे रहे हैं। 25 अक्टूबर 2000 काे सेना में भर्ती हाेने के बाद उन्हाेंने शारीरिक

शिक्षक का प्रशिक्षण लिया व बताैर हवलदार बटालियन में तैनाती पाई। हमेशा ही युद्ध काैशल में अग्रणी रहने वाले हवलदार राकेश कुमार एक प्रेरित सैनिक भी हैं। इन्होंने हाईएल्टीटयुड युद्ध शैली में निपुणता हासिल की हुई है।

30 अगस्त 2020 को चलाया था ऑपरेशन स्नो लेपर्ड

30 अगस्त 2020 को आपरेशन 'स्नो लेपर्ड' के तहत हवलदार राकेश कुमार ने एक उच्च जोखिम वाले मिशन के लिए स्वेच्छा से आगे बढ़ने का निर्णय लिया। इस ऑपरेशन में उन्हाेंने दुश्मन के विरूद्ध प्रमुख सेक्शन का नेतृत्व करके बटालियन के लक्ष्य पर कब्जा किया। इससे बटालियन को भारी सफलता मिली। हवलदार राकेश कुमार की तेज और अंशसूचित कार्यवाही ने दुश्मन को पूरी तरह से चौका दिया। हवलदार राकेश कुमार के नेतृत्व में प्रमुख सेक्शन की ओर से आक्रामक कार्रवाई के परिणाम स्वरूप दुश्मन पर नैतिक प्रभुत्व प्राप्त हुआ। इन्हाेंने रक्षात्मक संतुलन को अपने पक्ष में कर दिया। राकेश कुमार का लक्ष्य पर कब्जा करने के लिए सटीक योजना बनाने में अत्यधिक योगदान दिया। इसके अलावा हवलदार राकेश कुमार ने अपने घायल साथियों को एडवांस डेर्सिंग स्टेशन तक पहुंचाकर कई साथियाें की जान बचाने में भी अहम भूमिका निभाई थी। साहस और प्रतिबद्धता के इस निःस्वार्थ कार्य के लिए हवलदार राकेश कुमार को सेना पदक (वीरता पुरस्कार) से सम्मानित किया गया है।

अपने लाडले सैनिक हवलदार राकेश कुमार काे सेना मेडल हासिल हाेने पर जमरेला गांव व विशेषकर बाबा काठक गांव में खुशी का माहाैल है। लाेग अब हवलदार राकेश कुमार काे मेडल लगाकर घर आने का इंतजार करने लगे हैं।

यह बोले वीर सैनिक हवलदार राकेश कुमार के पिता

राकेश कुमार के पिता सूबेदार बलदेव सिंह राणा ने बताया कि अपने लाडले काे सेना मेडल मिलने पर उन्हें सबसे अधिक खुशी हुई है। उन्हाेंने बताया कि राकेश कुमार ने अपने पूर्वजाें सहित बाबा काठक गांव व बैजनाथ उपमंडल का नाम राेशन करते हुए जमरेला गांव का नाम हिमाचल प्रदेश में प्रसिद्ध किया है। उनकी पत्नी नीलम राणा ने बताया कि वह काफी उत्साहित है और अपने पति की वीरता की गर्व है, उनका एक बेटा है बेटा तुषार भी सेना में जाना चाहता है।

0 Comments

Leave A Comment

Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).

Get Newsletter

Advertisement