नाहन- शिमला एनएच 907ए पर बना देश का पहला रोलिंग बैरियर सिस्टम, नितिन गडकरी के ट्वीट से मिली नई पहचान
बॉक्स : क्या है सिस्टम
यह एक शॉक एब्जॉर्बिंग सिस्टम है, जो वाहन के टकराव के दौरान होने वाले इंपैक्ट को कम कर देता है। टकराने पर वाहन की स्पीड कम हो जाएगी। साथ ही वाहन वापस सड़क की तरफ दिशा बदल लेगा। वाहन के खाई में गिरने की संभावना खत्म हो जाएगी। साथ ही वाहन के क्षतिग्रस्त होने की संभावना कम होगी।
बॉक्स : आंकड़ों के मुताबिक
हिमाचल में प्रतिवर्ष 3000 के करीब सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें 1200 लोगों की मृत्यु होती है। 5000 लोग घायल होते हैं। अधिकांश सड़क हादसों में वाहन खाई में लुढ़कते है। ऐसी परिस्थितियों में ये बैरियर बेहद उपयोगी साबित हो सकते है।
उधर इस संदर्भ में नेशनल हाईवे नाहन मंडल के
अधिशासी अभियंता अनिल शर्मा ने बताया कि रोलर क्रैश बैरियर में टकराने से गाड़ी को नुकसान नहीं होगा। रफ़्तार कम होने के साथ ही गाड़ी गिरने के बजाय फिर रोड पर आ जाएगी, जिससे दुर्घटना होने की संभावना शून्य के बराबर होगी। उन्होंने कहा कि जहां रोलर क्रैश बैरियर लगाए गए हैं, वहां 4 सीसी टीवी कैमरे लगाए गए है, ताकि फुटेज देखकर पता चलेगा कि दुर्घटना को रोकने में बैरियर कितने कारगर हैं। उन्होंने बताया कि इस सिस्टम में तीन लेयर की सुरक्षा व्यवस्था है।
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