झज्जर, NOI :  झज्जर में इस सीजन की सबसे महंगी सरसों बिकी है। प्राइवेट मंडी में सरसों का भाव तेज होने के कारण किसान सरकारी खरीद से दूरी बनाए हुए हैं। यही कारण है कि मंडी में आढ़तियों द्वारा सरसों की सीधी खरीद की जा रही है। सरसों की बात करें तो झज्जर अनाज मंडी में बुधवार को सरसों की सबसे अधिकतम बोली 6800 रुपये प्रति क्विंटल रही। अब तक सरसों का भाव करीब 6700 रुपये तक ही अधिकतम रहा था। लेकिन, बुधवार को सरसों के भाव में तेजी देखने को मिली। जबकि सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य 5050 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया हुआ है। जिसको देखते हुए किसान प्राइवेट मंडी में ही सरसों बेच रहे हैं।

करीब 300 क्विंटल सरसों की बुधवार को हुई खरीद

बुधवार को करीब 300 क्विंटल से अधिक सरसों की खरीद की गई। फिलहाल सरसों की आवक भी हो रही है, जिसके चलते प्रतिदिन करीब 300-400 क्विंटल सरसों प्रतिदिन झज्जर अनाज मंडी में पहुंच जाती है। सरकार द्वारा जिले में सरसों की सरकारी खरीद के लिए 6 खरीद केंद्र बनाए गए थे। जहां पर न्यूनतम समर्थन मूल्य 5050 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से सरसों खरीदी जानी थी। 21 मार्च से शुरू हुई सरकारी खरीद को दस दिन बीत चुके हैं। लेकिन, किसान सरकार को सरसों नहीं बेच रहे।

प्राइवेट मंडियों में किसानों को मिल रहा अच्छा भाव

इसका कारण यह है कि किसानों को प्राइवेट मंडियों में सरसों की कीमत करीब डेढ़ हजार रुपये से भी अधिक मिल रहा है। ऐसे में प्रत्येक किसान अपनी सरसों को अधिक से अधिक दामों पर बेचना चाहता है। जब से झज्जर अनाज मंडी में सरसों के खरीद शुरू हुई है, तब से सरसों का भाव छह हजार रुपये प्रति क्विंटल से ऊपर ही बना हुआ है। वहीं बुधवार को तो अधिकतम बोली 6800 रुपये तक पहुंच गई।

प्रधान अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन के अनुसार

बुधवार को सरसों की इस सीजन की सबसे अधिक 6800 रुपये प्रति क्विंटल रही। प्राइवेट मंडी में भाव अच्छा मिलने के चलते सभी किसान आढ़तियों को सीधे ही सरसों बेच रहे हैं।

----सतबीर सिंह मल्हान, प्रधान, अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन, झज्जर।

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