फिरोजपुर NOI : आर्थिक मजबूरी से जूझ रही और परिवार व समाज में प्रताड़ित महिलाओं को मुश्किलों से पार पाना असंभव नजर आ रहा था, लेकिन एक प्रयास ने ऐसा रास्ता दिखाया कि महिलाएं अबला से सबला बन गईं। छह साल पहले फिरोजपुर में हरपिंदर कौर के एक प्रयास के बाद ऐसा समूह बना, जहां आज 1600 महिलाएं न सिर्फ अपना व्यवसाय कर रही हैं बल्कि दूसरों का सहारा भी बन रही हैं। सेवा पंजाब संगठन चलाने वाली फिरोजपुर की रहने वाली हरपिंदर कौर ने छह साल पहले जिले के स्लम एरिया में घर में पति के नशे से परेशान, आर्थिक संकट, प्रताड़ना और पति के छोड़ने के बाद असहाय हुईं महिलाओं का दर्द बांटना शुरू किया।

पति के नशे से परेशान आई आगे

सेवा पंजाब संगठन जिले के उन स्लम इलाकों में काम करता है, जहां हर कोई जाना पसंद नहीं करता, लेकिन इसके विपरीत हरपिंदर कौर ने हार नहीं मानी और समाज में प्रताड़ित हो रही महिलाओं के उत्थान का बीड़ा उठाया। शुरुआती दौर में मुश्किल नजर आईं, लेकिन जब घरों में जुल्म और आर्थिक तंगी का शिकार हो रही महिलाओं को देखा तो हरपिंदर इन महिलाओं को सहारा देने का काम शुरू किया। हर किसी की आर्थिक मदद तो नहीं कर सकती थीं, लेकिन उनको स्वावलंबी बनाने पर जोर दिया। इसके बाद पति के नशे से परेशान, शारीरिक शोषण की शिकार और आर्थिक तंगी से परेशान महिलाएं समूह के साथ जुड़ीं। हरपिंदर ने महिलाओं में जिंदगी जीने का हौंसला बुलंद किया।

परिवार और खुद की जरूरतों को पूरा कर रही महिलाएं

इसके बाद सेवा पंजाब संगठन के साथ जुड़कर महिलाओं ने न सिर्फ जीने की कला सीखी बल्कि स्वरोजगार के हथियार से मुश्किलों का हर पहाड़ तोड़ दिया। सिलाई-कढ़ाई, ब्यूटी पार्लर, व्यंजन बनाने, साफ्ट ट्वाय बनाने, पतंग बनाने, मेहंदी कला और टिफिन सर्विस के काम में निपुण होने के बाद सभी महिलाएं आत्मनिर्भर बन गईं हैं। इस समय सेवा पंजाब संगठन से जुड़ीं 1600 महिलाएं अपना खुद व्यवसाय कर रही हैं। छोटा ही सही, लेकिन इससे वे अपने परिवार और खुद की जरूरतों को पूरा कर रही है। आज जिले के हर स्लम एरिया में महिलाएं सेवा पंजाब संगठन से जुड़ी हैं।

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