हिसार NOI :  रोडवेज प्रशासन की ओर से रोडवेज अधिकारियों सहित चालक, परिचालकों की ड्यूटी में फेरबदल करने से रूटों पर कर्मियों का टोटा दूर हो गया है। इससे रूटों पर बाकी बसें भी चलने के आसार है। ऐसे में आमजन को भी रोडवेज की सुविधा मिलेगी। रूटों पर परिचालकों का अधिक टोटा था। इसके चलते सभी बसें नहीं चल पाती थी। चालक, परिचालक पहले ड्यूटी रूम अन्य विभागों में लगे थे। यह सभी कर्मी देशव्यापी हड़ताल में शामिल हुए थे। इसके चलते इनकी ड्यूटी में फेरबदल हुआ है। वहीं रोडवेज प्रशासन का तर्क है कि जरूरत के मुताबिक बदलाव किया गया है।
अब अप्रैल और मई माह में स्कूल, कालेज छात्रों की संख्या बढ़ने से बसों की मांग बढ़ेगी। स्कूलाें में दाखिले चल रहे है। कालेज, विवि में क्लासें लगना शुरू हो चुकी है। कुछ दिन बाद फसल कटाई का सीजन खत्म हो जाएगा। इससे यात्रियों की संख्या बढ़ेगी। सभी रूटों पर बसें उपलब्ध करवाना जरूरी है। इसको लेकर रोडवेज प्रशासन मंथन कर रहा है कि किस रूट पर बसें बढ़ानी है और किस रूट से बस चलाने की मांग बढ़ेगी। स्कूली, कालेज छात्र-छात्राओं के लिए स्पेशल बसें का शेड्यूल बनाना जरूरी है। ऐसे में कर्मियों को छुट्टी लेने में भी आसानी होगी।

डिपो में 40 से 50 बसें खड़ी

हिसार डिपो में कुल 225 बसें है। इनमें से 170 बसें आन रूट है। ऐसे में 40 से 50 बसें डिपो में खड़ी रहती है। कुछ बसें काम के लिए वर्कशाप में खड़ी रहती है। इन बंद बसों को चलाना जरूरी है। इस पर रोडवेज प्रशासन का तर्क है कि बसों को स्पेयर में रखना पड़ता है, ताकि उनका जरूरत पड़ने पर इस्तेमाल कर सके। अगर कोई बस क्षतिग्रस्त हो जाती है या किसी रूट पर भेजनी हो। कहीं पर जाना हो।

---अप्रैल व मई में स्कूल, कालेज छात्राें का आवागमन शुरू हो जाता है। ऐसे में बसों की मांग बढ़ेगी। इन दिनों बसों की मांग बढ़ जाती है। यह देखकर कर्मियों की ड्यूटी में बदलाव किया है।

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